नई दिल्ली, 11 दिसम्बर । राज्यसभा में सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक-2023 व जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक पर चर्चा हुई।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह बिल उन लोगों को अधिकार दिलाएगा जिनसे 70 साल अन्याय हुआ है। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक के जरिए दो सीटें कश्मीरी विस्थापितों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही इस विधेयक में एक सीट पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों के लिए रखी जाएगी।
शाह ने कहा कि पहले जम्मू और कश्मीर विधानसभा में जम्मू की 37 सीटें थीं। यह सीटें अब बढ़कर 43 हो गई हैं। वहीं विधानसभा में कश्मीर से 46 सीटें थीं, वह बढ़कर अब 47 हो गईं है।
उन्होंने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर हमारा अभिन्न अंग है इसलिए पाक अधिकृत कश्मीर के लिए 24 सीटें आरक्षित रखी गई हैं। यानी नए बदलावों से पहले जहां जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 107 सीटें थीं वहीं अब नए बदलावों के उपरांत यह सीटें बढ़कर 114 हो गई हैं।
उन्होंने बताया कि पहले दो मनोनीत सदस्य थे अब इनकी संख्या बढ़कर पाँच हो जाएगी। इनमें दो महिलाओं को राज्यपाल मनोनीत करेंगे।
वहीं राज्यसभा में इन विधेयकों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर जितना संवेदनशील मुद्दा है सरकार उसको उतनी संवेदनशीलता से नहीं ले रही है। बीते चार वर्षों से जम्मू कश्मीर में कोई विधानसभा या सरकार नहीं है, राज्यपाल के द्वारा शासन चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत जम्मू कश्मीर में चुनाव की तारीख घोषित करनी चाहिए।
–आईएएनएस
जीसीबी/एकेजे
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