जयपुर| जयपुर में दो एंबुलेंस चालकों ने भूखी 22 वर्षीय गर्भवती महिला से खाना देने का वादा कर उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया। इस घटना के विरोध में विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय महिला आयोग ने गुरुवार को इस घटना का संज्ञान लिया और राजस्थान के डीजीपी से मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच करने को कहा। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, एसएमएस अस्पताल के सामने फुटपाथ पर अपने पति के साथ रहने वाली गर्भवती महिला 24 मई को भोजन के लिए भीख मांगने निकली थी। उसे एक एंबुलेंस चालक ने फुसलाया और अपने दोस्त को भी बुला लिया।
चुप रहने पर उसे पूरा खाना देने का वादा कर वह महिला को एंबुलेंस में ले गया और दोनों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में उसे एसएमएस अस्पताल के पास छोड़ दिया।
हालांकि पुलिस ने बुधवार रात दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
उधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राज्य में ‘बिगड़ती’ कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछा “शहर के बीचोबीच एक भूखी गर्भवती महिला भोजन के लिए भीख मांगती है और उसके साथ दुष्कर्म हो जाता है। राज्य में लोगों को किस तरह की सुरक्षा दी जा रही है?”
उन्होंने गहलोत के इस दावे को ‘विफल’ करार दिया कि वह गरीबों को भोजन और आश्रय प्रदान कर रहे हैं।
इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक ट्वीट में कहा, “आयोग कथित घटना से परेशान है और इसने मामले का संज्ञान लिया है। अध्यक्ष रेखा शर्मा ने राजस्थान के डीजीपी को पत्र लिखकर इस मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच करने जल्द से जल्द कार्रवाई कर आयोग को रिपोर्ट देने के लिए कहा है।”
–आईएएनएस
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