नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवानों की शहादत के बाद बुधवार को भारत-चीन गतिरोध पर चीन को स्पष्ट संकेत भेजा है। उन्होंने कहा कि जब भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की बात आएगी तो वह ऐसी किसी हरकत को बर्दाश्त नहीं करेगा।
20 जवानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला बयान सामने आया है। उनका यह बयान कोरोनावायरस महामारी से निपटने को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान आया। उन्होंने कहा, “देश को इस बात का गर्व होगा की हमारे सैनिक मारते-मारते मरे हैं। मेरा आप सभी से आग्रह है कि हम दो मिनट का मौन रख के इन सपूतों को श्रद्धांजलि दें।”
मोदी ने कहा, “भारत माता के वीर सपूतों ने गलवान वैली में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। मैं देश की सेवा में उनके इस महान बलिदान के लिए उन्हें नमन करता हूं, उन्हें कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं।”
उन्होंने कहा, “दुख की इस कठिन घड़ी में हमारे इन शहीदों के परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। आज पूरा देश आपके साथ है, देश की भावनाएं आपके साथ हैं। हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। चाहे स्थिति कुछ भी हो, परिस्थिति कुछ भी हो, भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक एक इंच जमीन की, देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा।”
प्रदानमंत्री ने कहा कि भारत सांस्कृतिक रूप से एक शांति प्रिय देश है। हमारा इतिहास शांति का रहा है। भारत का वैचारिक मंत्र ही रहा है- लोका: समस्ता: सुखिनों भवन्तु। हमने हर युग में पूरे संसार में शांति की, पूरी मानवता के कल्याण की कामना की है।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत शांति चाहता है, लेकिन अपनी रक्षा के लिए वह हरसंभव कदम उठाएगा।
मोदी ने कहा, “मैं देश को आश्वस्त करना चाहूंगा कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमारे लिए, देश की एकता और संप्रभुता अहम है। भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर उकसाया गया तो भारत माकूल जवाब देने में सक्षम है।”
उन्होंने कहा कि बलिदान और साहस भारत की विशेषता है।
उन्होंने कहा, “हमेशा से ही अपने पड़ोसियों के साथ मित्रवत तरीके से मिलकर काम किया है। हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की है। जहां कहीं हमारे मतभेद भी रहे हैं, हमने हमेशा ही ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बनें।”
मोदी ने कहा, “हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं। जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है।”
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
–आईएएनएस
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