नई दिल्ली | पुरानी दिल्ली स्थित जामा मस्जिद में शुक्रवार को जुमे की नमाज पढ़ी गई। इस दौरान जामा मस्जिद और आसपास के इलाकों में पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम रखे थे। जुमे की नमाज के लिए जामा मस्जिद में शुक्रवार को बड़ी तादाद में स्थानीय लोग शामिल हुए। नमाज के दौरान मौजूद लोगों ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में शांति के लिए दुआएं मांगी। जामा मस्जिद में शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लोगों ने अपना विरोध शांतिपूर्ण तरीके से प्रकट किया। हालांकि जुमे की नमाज में खासतौर पर दिल्ली के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में हताहत हुए लोगों के परिजनों के लिए दुआ मांगी गई।
जामा मस्जिद पहुंचे सैफी ने कहा, “नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हमारा विरोध कल भी था, आज भी है, और आगे भी इस मुद्दे पर हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हमारी यह लड़ाई समाज के किसी वर्ग, संप्रदाय अथवा क्षेत्र के प्रति नहीं है। हमारी यह लड़ाई असमानता को बढ़ावा देने वाले कानून से है।”
जामा मस्जिद पहुंचे 87 वर्षीय बुजुर्ग रहमान खान ने कहा, “हम आज यहां किसी का विरोध करने नहीं आए। हम लोग उत्तर पूर्वी दिल्ली में मारे गए हर हिंदुस्तानी के दुख में हिस्सेदार हैं। वहां मरने वाला हर इंसान इस देश का बच्चा था। हमने यहां हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में शांति बहाली के लिए खुदा से दुआ की है। हम लोग सभी दिल्ली वालों से भी कहना चाहते हैं कि किसी के भी भड़काने पर एक दूसरे का खून ना बहाएं।”
गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी से 26 फरवरी तक कई इलाकों में जबरदस्त हिंसा हुई। इस हिंसा में 40 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 200 से ज्यादा लोग इसमें जख्मी हुए हैं।
–आईएएनएस
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