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जियोमीट पर 100 लोग कर सकेंगे मुफ्त वीडियो कॉलिंग

जियोमीट पर 100 लोग कर सकेंगे मुफ्त वीडियो कॉलिंग

नई दिल्ली:  रिलायंस जियो ने जियोमीट नाम से वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए नया ऐप बाजार में उतारा है। जियोमीट में 100 लोग वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़ सकते हैं, वो भी बिलकुल मुफ्त। जूम ऐप में जहां इसके बेसिक या मुफ्त प्लान में महज 40 मिनट तक वीडियो कांफ्रेंसिंग की जा सकती है, वहीं जियोमीट में 24 घंटे तक ग्रुप में मुफ्त वीडियो कांफ्रेंसिंग की जा सकती है।

जूम ऐप पर फ्री वीडियो कॉलिंग के लिए मात्र 40 मिनट की अवधि दी जाती है और इससे अधिक समय के लिए वीडियो कॉलिंग या कांफ्रेंसिंग करने के लिए ग्राहक को प्रति माह 15 डॉलर का भुगतान करना होता है। यह राशि सालाना 180 डॉलर यानी करीब 13500 रुपये पड़ती है।

जियोमीट पर ग्राहक 24 घंटे तक मुफ्त में बातचीत कर सकते हैं। समयसीमा के कारण जूम पर वीडियो कांफ्रेंसिंग करने वालो को हर 40 मिनट में दोबारा लॉगइन करना पड़ता है। यह ग्राहकों का समय बर्बाद करने के साथ ही उनके लिए एक खराब अनुभव भी है।

उदाहरण के लिए घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) के कारण दफ्तर की महत्वपूर्ण बैठक या तो 40 मिनट से पहले समाप्त करनी पड़ती है या फिर दोबारा लॉगइन करना होगा, अन्यथा लंबी कांफ्रेंसिंग के लिए सालाना लगभग 180 डॉलर चुकाने पड़ते हैं। शिक्षा क्षेत्र में भी जहां संसाधन सीमित हैं, वहां जूम ऐप समय का प्रतिबंध ऑनलाइन कक्षाओं में बाधा उत्पन्न कर रहा है।

समयसीमा के अलावा भी जियोमीट सुविधाओं के मामले में जूम पर कहीं भारी पड़ेगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रतिभागी डबल क्लिक करके किसी भी अन्य प्रतिभागी की वीडियो विंडो को बड़ा कर सकते हैं, जबकि जूम में यह सुविधा नहीं है।

इसके अलावा जियोमीट में अगर होस्ट चाहे कि किसी एक संस्था के लोग ही वीडियो कांफ्रेंसिंग में हिस्सा लें तो वह संस्थान की मेल आईडी से लॉगइन कर सकता है। इससे संस्थान के अलावा अन्य कोई भी बैठक का हिस्सा नहीं बन पाएगा। जूम में यह सुविधा भी उपलब्ध नहीं है।

जूम ऐप में अगर आप को अचानक बाहर जाना पड़ जाए और आप चाहते हैं कि आप बिना संपर्क टूटे (डिस्कनेक्ट हुए) लैपटॉप के बजाए मोबाइल पर वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े रहें, तो यह संभव नहीं है। जियोमीट पर आप यह आसानी से कर सकते हैं। आप जब चाहें जिस भी डिवाइस से चाहें बिना डिस्कनेक्ट हुए विडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े रह सकते हैं। जियोमीट को किसी भी प्लेटफॉर्म से व किसी भी डिवाइस से एक्सेस किया जा सकता है।

अगर आप मोबाइल से कनेक्टेड है तो जूम ऐप में आप मात्र चार प्रतिभागियों को एक बार में देख सकते हैं और बाकियों को देखने के लिए आपको स्क्रॉल करना पड़ता है, जबकि जियोमीट में एक बार में आठ प्रतिभागियों को देखा जा सकता है।

सुरक्षा के मामले में भी जियोमीट, जूम से बेहतर स्थिति में है। फरवरी और मार्च माह में सरकार की तरफ से जूम को असुरक्षित प्लेटफॉर्म माना गया था।

जियोमीट पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए अब किसी इनवाइट कोड की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी खास बात यह है कि 100 से अधिक यूजर्स एक बार में जियोमीट पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़ सकते हैं। जियोमीट लगभग सभी तरह के डिवाइस पर बखूबी काम करता है।

जियोमीट को गूगल प्लेस्टोर या एप्पल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। यह एंड्रॉएड और एप्पल पर समान रूप से काम करता है। जियोमीट माइक्रोसॉफ्ट विंडोस को भी सपोर्ट करता है, इसलिए यूजर्स इसे डेस्कटॉप या लेपटॉप पर भी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।

गृह मंत्रालय के साइबर समन्वय केंद्र (सीसीसी) ने 12 अप्रैल को एक एडवाइजरी (सलाह) जारी करते हुए चेतावनी दी थी कि बैठकों के लिए जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप्लिकेशन एक सुरक्षित मंच नहीं है।

इस एडवाइजरी में यह उल्लेख किया गया, “जूम मीटिंग प्लेटफॉर्म का सुरक्षित उपयोग निजी व्यक्तियों के लिए है न कि सरकारी कार्यालयों या आधिकारिक उद्देश्य के उपयोग के लिए।”

इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के तहत भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम सीईआरटी ने भी जूम ऐप के लिए दो उच्च गंभीरता रेटिंग परामर्श जारी किए हैं।

सीईआरटी ने 30 मार्च की एडवाइजरी में कहा था कि इस मंच का असुरक्षित उपयोग साइबर अपराधियों को संवेदनशील जानकारी तक पहुंचने की अनुमति दे सकता है।

ऐसे समय में जब साइबर सुरक्षा एक प्रमुख मुद्दा बन चुका है और चीनी ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, यह जियोमीट के लिए बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने का एक बेहतरीन मौका है।

–आईएएनएस

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