एस.पी. चोपड़ा, नई दिल्ली। आज के परिदृष्य में भारत में सीएसआर ‘चैरिटी और दान’ से काफी आगे निकल चुका है। कारॅपोरेट्स अपनी कंपनी संचालित करने हेतु एवं लाभ प्राप्त करने हेतु सामाजिक संसाधनो का प्रयोग करती हैं, अतः कारॅपोरेट्स की यह जिम्मेदारी बनती है कि अपने लाभ हेतु प्रयोग में लाए गए समाज के संसाधनों को उसी रूप अथवा किसी अन्य रूप में समाज के उत्थान एवं समावेषी विकास हेतु में अपना योगदान प्रदान करें।
समारोह केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, श्री थावरचंद गेहलोत के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया। भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सषक्तिकरण विभाग के वरिश्ठ अधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित रहें।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (ए.ए.आई.) ने इस क्षेत्र में पहल की है और अपनी सीएसआर परियोजना के तहत भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) के माध्यम से मूक एवं श्रवण बाधित 115 बच्चों के लिए कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी को प्रायोजित किया है। इनमे ंसे 15 सर्जरी सफलता पूर्वक पूरी की जा चुकी है और बाकी 100 सर्जरीं भारत के विभिन्न सम्बद्व अस्पतालो ंमे ंकरने को दी गई है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (ए.ए.आई.) और भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) के द्वारा वित्त वर्ष 2017-18 के लिए देषभर में 100 मूक एवं श्रवण बधिर बच्चों की कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी कराने के लिए नई दिल्ली स्थित राजीव गांधी भवन में 4 सितंबर, 2017 को एम ओ यू पर हस्ताक्षर किया गया जिनका मूल्य 669 लाख रुपये होगा। कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सषक्तिकरण विभाग के तहत अली यावर जंग राश्ट्रीय वाक एवं श्रवण दिव्यांगजन, मुंबई के माध्यम से किये जाते है।
ए.ए.आई. की इस प्रमुख सीएसआर पहल से ये बच्चे सुनने और बोलने में पूरी तरह से सक्षम हो जाएंगे और सामान्य जीवन का निर्वाहन कर सकेंगे। यह प्रयास इन बच्चों को न केवल समाज की मुख्यधारा से जोड़ेगा अपितु राष्ट्रीय अर्थ व्यवस्था में भी वे अपना योगदान देने में सक्षम होंगे।
यह आयोजन विभिन्न संगठनों को अपने सीएसआर पहल के तहत मूक एवं श्रवण बधिर बच्चों को समर्थन देने के महान उद्देश्य के लिए आगे आने के लिए एक प्रयास है। आयोजन का उद्देश्य विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी कम्पनीयों को अपने सीएसआर परियोजना के अंतर्गत को क्लियर इम्प्लांट सर्जरी प्रायोजित कर मूक एवं श्रवण बधिर बच्चों के जीवन मे नया सवेरा लायें।
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