नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, द्रमुक मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) की सांसद कनिमोझी और अन्य को बरी करने के विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। सीबीआई से पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी सोमवार को इस मामले में 21 दिसंबर 2017 को विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था। ईडी मामले में वित्तीय अनियमितता की जांच और सीबीआई को सहयोग कर रही है।
सीबीआई ने विशेष न्यायालय के निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय के तथ्यों को दरकिनार करने पर सवाल उठाए हैं।
एजेंसी ने कहा कि उसने उच्च न्यायालय में इसलिए अपील किया है क्योंकि अभियोजन द्वारा आरोप को सिद्ध करने के लिए पेश किए गए सबूतों को विशेष अदालत ने सही परिप्रेक्ष्य में नहीं लिया। अदालत यह भी बताने में विफल रही कि अुनच्छेद 2(1)(यू) के अंतर्गत किस आशय से अपराध को परिभाषित किया गया, जिसमें अपराध ठहराने के बदले सिर्फ आपराधिक गतिविधि की पहचान की जाती है।
विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने निर्णय सुनाते हुए कहा था कि सीबीआई और ईडी मामले में आरोपी 33 लोगों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मुहैया कराने में विफल रही हैं।
ऐसा माना जाता है कि इस मामले की वजह से कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को वर्ष 2014 के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था।
राजा और कनिमोझी के अलावा इस मामले में विशेष अदालत ने 17 अन्य को भी रिहा कर दिया था।
–आईएएनएस
और भी हैं
देश में गठबंधन हो रहा मजबूत, रणनीति के तहत बदली उपचुनाव की तारीख : डिंपल यादव
झारखंड : एनडीए में सीट शेयरिंग पर बनी सहमति, जानिए भाजपा कितने सीटों पर लड़ेगी चुनाव
17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे नायब सिंह सैनी, तैयारियां तेज