नई दिल्ली। दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) के 5वें रिसर्च एक्सिलेंस अवार्ड्स समारोह का आयोजन गुरुवार, 03 मार्च को हुआ। डीटीयू के बीआर अंबेडकर आडिटोरियम में आयोजित इस समारोह में मुख्यातिथि के तौर पर दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. रमेश के. गोयल उपस्थित रहे। समारोह की अध्यक्षता डीटीयू कुलपति प्रो. जय प्रकाश सैनी ने की। इस अवसर पर रिसर्च एक्सिलेंस अवार्ड्स बुकलेट का विमोचन भी किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि ने कहा कि बिना डिबेट के सटीक शोध संभव नहीं है।
उन्होने पीपीटी के माध्यम से शोध को लेकर विस्तार से व्याख्या की। प्रो. गोयल कहा कि शोध कई शंकाओं को खत्म करता है। उन्होंने संस्कृत श्लोकों के माध्यम से भी यह बताया कि शोध (रिसर्च) के मुख्य बिन्दु क्या होने चाहियें। ‘शोध विवादाय, पत्रम मदाय, पीड़ा हरनाय, यशशवी गुरुवराय’ की व्याख्या करते हुए उन्होने बताया कि शोध के लिए डिबेट भी आवश्यक है और शोध का क्रेडिट अपने शिक्षों को भी देना चाहिए। उन्होने कहा कि शोध विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय के लिए मुख्य मापदंड है।
प्रो. रमेश ने शोध को बढ़ावा देने के लिए कुछ सिफ़ारिशों का जिक्र करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में रिसर्च को बढ़ावा देना, पीएचडी की संख्या और गुणवत्ता बढ़ाना, उद्योग एवं अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देना, शैक्षणिक संस्थाओं और सरकारी अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देना व शोध ग्रांट्स को बढ़ाना जरूरी है। उन्होने कहा कि डीटीयू के इस रिसर्च एक्सिलेंस अवार्ड्स प्रोग्राम का अनुकरण वह अपने विश्वविद्यालय में भी करेंगे। उन्होने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि वह देश के विख्यात विश्वविद्यालय में इतने रिसर्चर्स के बीच खुद को पाकर गर्वित महसूस कर रहे हैं।
इस अवसर पर डीटीयू कुलपति प्रो. जय प्रकाश सैनी ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रकार के अवार्ड्स की शुरुआत सबसे पहले डीटीयू ने तत्कालीन वीसी प्रो. योगेश सिंह के दिशा निर्देशन में की थी। उन्होने बताया कि एनएसयूटी ने भी डीटीयू का अनुसरण करते हुए रिसर्च एक्सिलेंस अवार्ड्स की शुरुआत की है। उन्होने इस वर्ष के पुरस्कारों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष 2021 के लिए 199 संकाय सदस्यों व विद्यार्थियों को करीब डेढ़ करोड़ रुपए के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। एक अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट अवार्ड व 16 प्रीमियर रिसर्च अवार्ड्स घोषित किए गए हैं। इनमें एप्लाइड मैथेमेटिक्स से एक, सिविल इंजीनियरिंग से एक, सीएसई से 2, इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से 3, ईसीई से 4, आईटी से 2 व मकैनिकल इंजीनियरिंग से 3 पुरस्कार शामिल हैं। कॉमेंडेबल रिसर्च अवार्ड्स के बारे में जानकारी देते हुए कुलपति ने बताया कि इस श्रेणी के कुल 289 रिसर्च पेपर्स अवार्ड्स के लिए चुने गए जिनमें से एप्लाइड कैमिस्ट्रि के 22, एप्लाइड मैथेमेटिक्स से 24, एप्लाइड फिजिक्स से 42, बायोटेक्नोलोजी से 26, सिविल इंजीनियरिंग से 9, सीएसई से 24, डीएसएम से एक, इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से 24, ईसीई से 42, एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग से 15, डिपार्टमेंट ऑफ हयुमिनीटिस से एक, आईटी से 19, मकैनिकल इंजीनियरिंग से 32, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से 3 व यूएसएमई से 5 रिसर्च पेपर शामिल हैं।
समारोह के दौरान पुरस्कार विजेताओं ने अपने अनुभवों को भी सांझा किया। समारोह में स्वागत भाषण डीन आईआरडी प्रो. ए. त्रिवेदी द्वारा दिया गया और एसोसिएट डीन डॉ रुचिका मल्होत्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डीटीयू कुलसचिव प्रो. मधुसूदन सिंह, सभी डीनस, विभागाध्यक्ष व पुरस्कार विजेताओं सहित अनेकों लोग उपस्थित थे।
2017 में हुई थी रिसर्च एक्सिलेंस अवार्ड्स की शुरुआत
रिसर्च एक्सिलेंस अवार्ड्स की शुरुआत दिल्ली प्राद्यौगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) के पूर्व कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कारवाई थी। इन पुरस्कारों का उद्देश्य अनुसंधान व शोध को बढ़ावा देना है। पहले वर्ष 2018 में आयोजित समारोह के दौरान इनके लिए 37 लाख रुपए का प्रावधान किया गया था और वर्ष 2017 के कुल 82 पब्लिकेशन (प्रकाशन) पुरस्कृत किए गए थे। दूसरे वर्ष 2018 के लिए 43.4 लाख रुपए का प्रावधान किया गया था और कुल 107 प्रकाशन पुरस्कृत किए गए थे। तीसरे वर्ष 2019 के लिए 116 पुरस्कार घोषित किए गए थे और इनके लिए 45.6 लाख रुपए का प्रावधान किया गया था। गत वर्ष (1 जनवरी से 31 दिसंबर 2020 तक) 191 पुरस्कार घोषित किए गए थे और 76.7 लाख रुपए का प्रावधान किया गया था। इस वर्ष 2021 के लिए 199 संकाय सदस्यों और विद्यार्थियों को करीब डेढ़ करोड़ रुपए की राशि के नकद पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
पुरस्कार के लिए निर्धारित की गई हैं तीन श्रेणियां
डीटीयू में रिसर्च एक्सिलेंस अवार्ड्स के तहत शोध प्रकाशन पुरस्कार हेतु 3 श्रेणियां बनाई गई हैं। इनमें प्रथम आउटस्टैंडिंग रिसर्च अवार्ड्स के तहत मेरिट प्रमाण पत्र के साथ पांच लाख रुपए की नकद पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है। द्वितीय पुरस्कार के तहत प्रीमियर रिसर्च अवार्ड्स की श्रेणी रखी गई है जिसमें मेरिट प्रमाणपत्र के साथ एक लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी जाती है। तीसरी श्रेणी में कॉमेंडेबल रिसर्च अवार्ड्स के तहत मेरिट प्रमाण पत्र और 50 हजार रुपए की पुरस्कार राशि दी जाती है।
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