ईटानगर| मेघालय के बाद अब अरुणाचल प्रदेश में भी ड्रोन आधारित सेवाएं शुरू की गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन सेवाएं पहाड़ी और दूर-दराज के इलाकों में दवाएं और स्वास्थ्य संबंधी अन्य जरूरी सामान पहुंचाने के लिए शुरू की गई हैं, ताकि समय और लागत की बचत हो सके। गुरुग्राम स्थित ‘टेकईगल’ ने ड्रोन-आधारित सेवाओं को विकसित किया है। इसे अरुणाचल प्रदेश सरकार और विश्व आर्थिक मंच के सहयोग से लॉन्च किया गया है। लोअर सुबनसिरी जिले के दूरदराज के क्षेत्रों के लिए ‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ को सक्षम करने के लिए संचालन शुरू कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट को अरुणाचल प्रदेश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अलो लिबांग ने हरी झंडी दिखाई। अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन ने जीरो वैली से उड़ान भरी और महज 21 मिनट में 31 किमी की हवाई दूरी तय कर कार्गो (मेडिसिन) को चंम्बग पहुंचाया।
ड्रोन ने 1.5 किलोग्राम के पेलोड के साथ जीरो वैली से उड़ान भरी, जिसमें डिक्लोफेनाक टैबलेट और एड्रेनालाईन इंजेक्शन था। चंम्बग से अपनी वापसी की उड़ान पर ड्रोन ने टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल भी लिए। रिपोर्ट के अनुसार, जीरो वैली से चंम्बग के बीच वाहन से रोड के द्वारा यात्रा करने पर करीब आठ घंटे का वक्त लगता है। लेकिन ड्रोन ने इस दूरी को केवल 21 मिनट में तय किया है। एक बयान में कहा गया है ‘टेकईगल’ के स्वदेशी रूप से विकसित ड्रोन वितरण समाधान ने जमीनी परिवहन की तुलना में वस्तुओं को लगभग 24 गुना तेजी से पहुंचाया है।
टेकईगल के सीओओ और सह-संस्थापक अंशु अभिषेक ने कहा कि टेकईगल में ‘मेडिसिन्स फ्रॉम द स्काई’ पहल कुछ ऐसी है जो लोगों के दिलों के बहुत करीब है, क्योंकि यह पहल हमारे द्वारा बनाए जा रहे समाधान द्वारा अरबों जीवन को बचाने और बेहतर बनाने की है।
–आईएएनएस
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