चेन्नई| तमिलनाडु राज्य निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड राज्य भर में मजदूरों के टीकाकरण अभियान का खर्चा उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कल्याण बोर्ड के पास 3,000 करोड़ रुपये का नकद अधिशेष है, जिसे राज्य भर में परियोजना स्थलों से एक प्रतिशत उपकर के रूप में एकत्र किया गया जाता है। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के श्रम कल्याण बोर्ड में लगभग 12.13 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं, जो राज्य की कुल श्रम आबादी का आधा हिस्सा है।
कई अध्ययनों से यह पता चला है कि निर्माण श्रमिक कोविड -19 वायरस से संक्रमित होने वाले सबसे कमजोर समूहों में से एक हैं। इनमें आमतौर पर बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मजदूर शामिल हैं।
श्रम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि विभाग पहले ही तमिलनाडु राज्य चिकित्सा सेवा निगम को कोविड-19 टीकों की 2 लाख खुराक का ऑर्डर दे चुका है।
श्रम विभाग के सूत्रों के मुताबिक, इन्होंने पहले ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के साथ मिलकर एक टीकाकरण अभियान चलाया था क्योंकि निर्माण श्रमिकों को कमजोर माना गया और प्राथमिकता के आधार पर उनका टीकाकरण कराया गया। सूत्रों ने बताया कि ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के सहयोग से इस अभियान के दौरान लगभग 3,500 निर्माण मजदूरों को टीका लगाया गया था।
टीकों की कम आपूर्ति के साथ चेन्नई और राज्य के अन्य शहरों में खोले गए शिविर बंद होने लगे हैं। उद्योग और श्रमिक संघों ने श्रम विभाग को सुझाया है कि श्रम कल्याण बोर्ड के पास मौजूद इस धनराशि का उपयोग टीकाकरण अभियान के लिए किया जाए।
विभाग अब उत्तर भारत से कामगारों के राज्य में लौटने से पहले तमिलनाडु में श्रमिकों और मजदूरों के बीच टीकाकरण अभियान को तेज कर रहा है। सीआरईडीएआई के अधिकारियों ने कहा कि वे मजदूरों के बीच जागरुकता अभियान चला रहे हैं और उन्हें बता रहे हैं कि खुद के संक्रमित होने से कैसे बचा जाए।
–आईएएनएस
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