नई दिल्ली| केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए गुरुवार को कहा कि “उनकी बातों को कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती।” नए कृषि और किसान आंदोलन को लेकर राहुल गांधी द्वारा केंद्र सरकार की आलोचना किए जाने के संबंध में यहां संवाददाताओं एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा, “राहुल गांधी जो कुछ बोलते हैं, उसको कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती। देश का तो सवाल ही नहीं उठता है।”
उन्होंने यह बात यहां कृषि भवन में उनसे मिलने आए किसानों के एक संगठन से मिलने के बाद कही। उत्तर प्रदेश के बागपत से किसान मजदूर संघ का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री से मिला और केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानूनों का समर्थन किया।
तोमर ने संवाददाताओं के सवाल का जवाब देते हुए आगे कहा, “आज जब वह (राहुल गांधी) राष्ट्रपति के पास विरोध व्यक्त करने गए, तब मैंने इन किसानों से पूछा तो इन्होंने कहा कि कांग्रेस का कोई आदमी इनसे दस्तखत कराने नहीं आया और किसी किसान ने दस्तखत नहीं की है।”
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर राहुल गांधी को किसानों की इतनी चिंता थी तो जब उनकी सरकार थी, तब वह सरकार के माध्यम से कुछ न कुछ कर सकते थे। कांग्रेस का हमेशा से चरित्र किसान विरोधी रहा है।”
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, “ये तीनों बिलों (केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानून) के बारे में 2019 के घोषणापत्र में राहुल गांधी ने कहा था कि हम सरकार में आएंगे तो एपीएमसी को खत्म करेंगे और बिना टैक्स के किसानों की फसलों की खरीद हो यह सुनिश्चित करेंगे। कांट्रैक्ट फार्मिग को बढ़ावा दिया जाएगा और आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त करके उसको नया बनाया जाएगा।”
तोमर ने सवालिया लहजे में कहा, “अब मैं राहुल गांधी को कहना चाहता हूं कि 2019 में आपने जब अपना घोषणापत्र जारी किया उस समय आप झूठ बोल रहे थे या आप आज झूठ बोल रहे हैं। यह कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए।”
इससे पहले, राहुल गांधी ने किसानों के मसले को लेकर गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। उनके साथ कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी भी थे।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार का रवैया किसान विरोधी है। केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों को किसान के लिए नुकसानदेह करार देते हुए उन्होंने कहा, “भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।”
–आईएएनएस
पीएमजे/एसजीके
और भी हैं
एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में महायुति को बहुमत, एमवीए को झटका
देश में गठबंधन हो रहा मजबूत, रणनीति के तहत बदली उपचुनाव की तारीख : डिंपल यादव
झारखंड : एनडीए में सीट शेयरिंग पर बनी सहमति, जानिए भाजपा कितने सीटों पर लड़ेगी चुनाव