इंद्र वशिष्ठ
कोरोना के साथ ही जीना है लेकिन जीने के लिए काम करना भी जरूरी है। काम भी न रुके और कोरोना से भी बचे रहे। इसके लिए सभी लोग अपनी-अपनी जरूरतों के मुताबिक तमाम तरह के तरीके/ उपाय अपना रहे हैं।
अपराध और अपराधियों से निपटने वाली दिल्ली पुलिस भी कोरोना से निपटने के लिए भी तैयार हो रही है।
इसी सिलसिले में थानों में पुलिस और लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं।
पुलिसकर्मियों के इलाज की बेहतर व्यवस्था-
दिल्ली पुलिस कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस कर्मियों के इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। विशेष पुलिस आयुक्त स्तर के अफसरों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कोरोना संक्रमण के शिकार हुए पुलिस कर्मियों को दिल्ली सरकार के अस्पतालों के अलावा एम्स, सेना के अस्पताल और प्राइवेट अस्पतालों में भी भर्ती कराने के इंतजाम किए गए हैं।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि मास्क, सेनेटाइजर, पीपीई किट समेत सभी जरूरी चीजें पुलिस कर्मियों के पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी विशेष पुलिस आयुक्तों को सौंपी गई है।
कोरोना के बावजूद पुलिस का काम नहीं रुकेगा-
पुलिस कर्मियों को कोरोना से बचाने के लिए सभी जरुरी चीजें जैसे सैनेटाइजर, मास्क/फेस शील्ड, चश्में और पीपीई किट आदि तो उपलब्ध कराई ही हुई है।
अब थानों में भी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अनेक उपाय किए गए।
कोरोना पर काबू पाने के लिए तकनीक/ प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर थाने में पुलिस और लोगों की सुरक्षा के लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है।
थानों में चार कदम –
दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त अतुल ठाकुर ने बताया कि थानों में पुलिसकर्मियों और आने वाले लोगों की कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है।
पुलिस कर्मियों और आंगतुकों के बीच सुरक्षित और संपर्क रहित( देह से दूरी) व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
इसके लिए थानों में प्रवेश द्वार पर ही चार हाईटेक उपकरण लगाए गए हैं।
आगंतुक संपर्क रहित सेंसर आधारित सैनिटाइजेशन मशीन का उपयोग करके अपने हाथ को साफ करता है। एआई सक्षम थर्मल कैमरा द्वारा थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरता है।
थाने के स्टाफ के साथ वीडियो इंटरकॉम के माध्यम से बात करता है। थाने में दिए जाने वाले आवश्यक दस्तावेजों को अल्ट्रावायलेट किरणों से युक्त कीटाणुनाशक डिब्बे में डाल सकते हैं।
इस प्रकार आगंतुक को थाने के भवन में प्रवेश करने की बहुत ही कम आवश्यकता होगी।
कोरोना पर काबू करने के लिए उठाए गए चार कदमों का ब्यौरा-
1- हाथों को सैनिटाइज करने की टच फ्री मशीन-
थाना परिसर में प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति के संपर्क को कम करने के लिए, एक टच-फ्री हैंड सैनिटाइजर रखा गया है। जब भी कोई व्यक्ति मशीन की टोंटी/ नोज़ल के नीचे अपना हाथ रखता है, तो सेंसर को इसका पता लगता है और मशीन की टोंटी हाथों को साफ़ करने के लिए पर्याप्त मात्रा में अल्कोहल आधारित सैनिटाइज़र के छींटे/ फुहार हाथ पर छिड़क देता है।
2.तापमान की जांच के लिए थर्मल कैमरा-
एक सुरक्षित दूरी से सटीक थर्मल चेकिंग सुनिश्चित करने के लिए थाने के प्रवेश द्वार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त थर्मल कैमरा स्थापित किया गया है। इसमें एक थर्मल कैमरा और एक स्क्रीन है। कैमरा अपने से 2 फीट की दूरी पर खड़े व्यक्ति के माथे से तापमान को पढ़ता है और स्क्रीन पर तापमान प्रदर्शित करता और बोल कर बताता भी है।
अगर किसी भी व्यक्ति का तापमान असामान्य होता है तो इस उपकरण में लगा स्पीकर चेतावनी दे कर अलर्ट (वॉइस अलर्ट जेनरेट) भी कर देता है यह भी पता लगा सकता है कि इमारत में प्रवेश करने वाला व्यक्ति नकाब/मास्क पहने हुए है या नहीं।
3. बातचीत के लिए वीडियो इंटरकॉम –
कैमरा, माइक्रोफोन और स्पीकर के साथ इंटरकॉम उपकरण थाना परिसर में रखे गए है। इस ऑडियो-वीडियो इंटरकॉम के माध्यम से आगंतुक और ड्यूटी अफसर बात करते हैं । ताकि लोगों को थाने में प्रवेश करने की आवश्यकता न हो। यह उपकण लोगों और पुलिस के बीच सुरक्षित संपर्क सुनिश्चित करता है और कोरोना फैलने के जोखिम को कम करता है।
4.अल्ट्रावायोलेट (यूवी) डिब्बा –
थाने के प्रवेश द्वार पर एक यूवी कीटाणुशोधन बॉक्स रखा गया है। कोई भी वस्तु, शिकायत पत्र, दस्तावेज, फाइलें, मोबाइल फोन/संचार सेट आदि को सेनेटाइज करने के लिए इस डिब्बे में रखा जाता है।
और भी हैं
दिल्ली-एनसीआर में आज से लागू किए गए ग्रैप-2 प्रतिबंध, जानें क्या रहेंगी पाबंदियां
दिल्ली सरकार ने फिर शुरू की ‘मुख्यमंत्री जय भीम योजना’
दो सरकारी बंगले पर कब्जा करना चाहती हैं आतिशी : विजेंद्र गुप्ता