न्यूयॉर्क| अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वह आतंकवाद से लड़ने और सुरक्षित अफगानिस्तान के निर्माण के लिए अमेरिका की दक्षिण-एशिया रणनीति में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका देखते हैं।
उन्होंने सोमवार को अफगानिस्तान और दक्षिण-एशिया में अपनी नई रणनीति को रेखांकित करते हुए कहा, “हम भारत के साथ दक्षिण-एशिया में शांति एवं सुरक्षा में अपने साझा मूल्यों को हासिल करने और भारत-प्रशांत क्षेत्र को विस्तृत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
ट्रंप ने वाशिंगटन के पास फॉर्ट मेयर में 2,000 अमेरिकी सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकवादियों को समर्थन दे रहा है, जिससे उसके भारत के साथ टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
उन्होंने पाकिस्तान पर हिंसा और आतंकवाद के एजेंटों को पनाह देने का आरोप लगाते हुए कहा, “यह चुनौती बहुत बदतर है, क्योंकि पाकिस्तान और भारत दो परमाणु संपन्न देश हैं, जिनके तल्खी भरे रिश्तों से टकराव बढ़ सकता है और यह हो सकता है।”
ट्रंप ने कहा, “अमेरिका के लिए दक्षिण-पूर्व की रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी विकसित करना है। भारत, अमेरिका का सुरक्षा और आर्थिक जगत का प्रमुख साझेदार है।”
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में वह भारत की मदद चाहते हैं, लेकिन उन्होंने इसके साथ ही अमेरिका के साथ भारत के व्यापार का उल्लेख भी किया।
ट्रंप ने कहा, “हम अफगानिस्तान में स्थिरता लाने के लिए भारत के योगदान की भी प्रशंसा करते हैं, लेकिन भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार कर अरबों डॉलर की कमाई भी की है।”
भारत ने 2016 में अफगानिस्तान को एक अरब डॉलर की आर्थिक मदद की प्रतिबद्धता जताई थी।
अफगानिस्तान की संसद नौ करोड़ डॉलर की लागत से तैयार की गई है, जिसमें भारत ने उसकी मदद की है।
भारत द्वारा शुरू की गई विभिन्न विकास परियोजनाओं में 15 करोड़ डॉलर की लागत से बना 215 किलोमीटर लंबा देलारम-जारंज राजमार्ग भी है।
अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने ट्रंप द्वारा रेखांकित भारत की भूमिका की पुष्टि की।
टिलरसन ने ट्रंप के भाषण के बाद जारी बयान में कहा, “क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने के प्रयासों में भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार है और हम अफगानिस्तान के राजनीतिक एवं आर्थिक आधुनिकीकरण में उसके सहयोग की भूमिका का स्वागत करते हैं।”
ट्रंप की भारत के बारे में ये टिप्पणियां कई राजनयिक बैठकों के बाद आई हैं।
भारत के विदेश राज्यमंत्री वी.के.सिह ने अगस्त में मनीला में आसियान के विदेस मंत्रियों की बैठक के दौरान टिलरसन से मुलाकात की थी।
विदेश सचिव एस.जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी भारत में दक्षिण-पूर्व के लिए अमेरिका के कार्यकारी सहायक सचिव एलिस वेल्स, सेंट्रल एंड कारा एबेरक्रॉम्बी के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की वरिष्ठ निदेशक लीसा कर्टिस और दक्षिण एवं दक्षिणपूर्व एशिया के लिए उपसहायक विदेश सचिव के साथ बैठकें की थीं।
–आईएएनएस
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