नई दिल्ली। दिल्ली में ऑटो चालकों के साथ हो रहे घोर अन्याय के खिलाफ ऑटो चालकों ने दिल्ली सचिवालय पर हल्ला बोला। सुबह 10 बजे सैकड़ों ऑटो आईटीओ से मार्च करते हुए दिल्ली सचिवालय पहुँचे। प्रदर्शनकारियों ने पहले सचिवालय के गेट नंबर 6 के बाहर प्रदर्शन किया। उनकी माँग थी कि मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री बाहर आकर उनकी बातों को सुनें और मांगों पर सुनवाई करे।
सरकार की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया ना मिलने पर ऑटो चालक आक्रोशित हो गए लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन जारी रखा।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर ऑटोचालकों की लड़ाई लड़ने का दिया भरोसा। ऑटोचालकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “आज मैं आपके सामने शर्मिंदगी के साथ खड़ा हूँ। आॅटो चालक भाईयों ने पूरे दिल से दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी का साथ दिया था। सरकार तो बन गई परंतु आॅटो चालक भाई आज भी सड़क पर हैं। आपकी समस्या जस की तस है इस बात से मैं शर्मिंदा हूँ।
योगेंद्र यादव ने कहा, “आपकी ये लड़ाई अन्याय के ख़िलाफ़ एक सच्चा संघर्ष है। जिन ऑटोवालों ने अपने कंधे पर बिठा के इस पार्टी को सत्ता में पहुँचाया, उसीके साथ ऐसा रवैय्या? इस सरकार को शर्म आनी चाहिए। लेकिन अच्छी बात ये है कि इसमुद्दे को स्वराज इंडिया ने उठाया है। ये सरकार कॉंग्रेस या बीजेपी से उतना नहीं डरती जितना स्वराज इंडिया से डरती है। उदाहरण के लिए वो सामने वाले पोस्टर देख लीजिए जिसपे लिखा है – खुले में शराब पीने वाले को 5000 से 10000 का जुरमाना होगा। आपको सबको अच्छे से पता है ये दिल्ली बाबर में ऐसे पोस्टर ये क्यूँ लगवा रहे हैं। जी हाँ, क्यूँकि हमने शराब के ठेकों का मुद्दा उठाया था। इसलिए आप निश्चिन्त रहिये। हमने आवाज़ उठाई है तो इस सरकार को काम करना होगा। अगर आज नहीं करेंगे तो भी हम इनको छोड़ेंगे नहीं। इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगे। लड़ेंगे और जीतेंगे।”
दिल्ली सरकार को जम के लताड़ते हुए स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम ने कहा, “आज देश भर में काले धन की चर्चा है। प्रधानमंत्री मोदी बता रहे हैं कि उन्होंने काले धन पर सबसे बड़ा वार किया है। और दिल्ली में जो छोटे मोदी हैं, वो बता रहे हैं कि वही सबसे बड़े भ्रष्टाचार से लड़ने वाले योद्धा है। लेकिन इन सबको दिल्ली का ऑटो घोटाला नहीं दिख रहा। दिल्ली सरकार के संरक्षण में चल रहे इस ऑटो घोटाले के कारण 1 लाख 85 हज़ार का ऑटो 4.50 लाख से 5 लाख़ तक का बेचा जा रहा है। मतलब कि हर ऑटो की खरीद में लगभग 3 लाख का काला धन घूमता है, वो भी उन ग़रीबों से छीनकर जिनका शौक नहीं, मजबूरी है ऑटो चलाना। लेकिन यहां ऊंची इमारत में बैठे मंत्रीजी आपकी सुनवाई करने के बजाए आपको गोल गोल घुमा रहे हैं। इसकी जाँच होनी चाहिए कि इस घोटाले में किन किन नेताओं, मंत्री और अधिकारियों की जेब में पैसा जाता है।”
अनुपम ने ऑटोचालकों को भरोसा दिलाते हुए कहा, “ये लड़ाई सिर्फ़ आपकी लड़ाई नहीं है, ये उन सभी देशभक्तों की लड़ाई है जिनके लिए काला धन और भ्रष्टाचार एक गंभीर बीमारी है। हर उस व्यक्ति को इस घोटाले के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करना चाहिए जिनकी लड़ाई भ्रष्टाचार और काला धन से है।”
ज्ञात हो कि स्वराज इंडिया ऑटो चालकों के मुद्दों को ज़ोर शोर से उठाता रहा है। दिल्ली सरकार के संरक्षण में चल रहे ऑटो परमिट घोटाले का भी पार्टी ने बीते दिनों पर्दाफ़ाश किया। साथ ही बताया कि फाइनेंस माफ़िया और सरकार की मिलीभगत से चल रहे इस घोटाले के कारण दिल्ली के ग़रीब ऑटोचालक को 1.85 लाख़ का ऑटो 4.50 लाख़ में बेचा जा रहा है।
योगेंद्र यादव ने मांग किया है कि दिल्ली सरकार के ऑटो घोटाले की सीबीआई जांच हो और दोषियों को कड़ी सज़ा दी जाए।
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