ओम कुमार, नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपनी ही सरकार में काम करने का मौका मिल गया हैं।
जी हाँ अरविंद केजरीवाल नें अपने मंत्री राजेंद्र गौतम से जल मंत्रालय की जिम्मेदारी छीन ली है। अब सीएम साहब खुद जल बोर्ड की जिम्मेदारी संभालेंगे।
पिछले ढाई साल में एक भी विभाग अपने पास ना रखने वाले सीएम केजरीवाल के इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को गर्म कर दिया है।
सूत्रों की माने तो ये फैसला बवाना में प्रचार करते वक्त वहां के लोगों ने केजरीवाल को जो फीडबैक दिया उसके वजह से लिया गया है।
वंहा के लोगों ने केजरीवाल को बताया कि पानी सबसे बडी और ज्यादा गंभीर समस्या है। कहीं पानी नहीं पहुंचता तो कहीं पहुंचने वाला पानी गंदा होता है। जहां पाइप लाइन बिछ गई है वहां सप्लाई का कोई पता नहीं लोगों ने सीएम केजरीवाल से सबसे ज्यादा पानी को लेकर शिकायतें कीं और वादा लिया कि चुनाव के बाद उनकी पानी की समस्या दूर करेंगे तभी आगे उनका साथ देंगे।
केजरीवाल ने दिल्ली में सरकार बनने पर वादा किया था कि वो दिल्ली के हर घर में पीने का साफ पानी पहुंचायेंगे। यही वादा केजरीवाल को अब जाकर याद आया इसलिए खुद यह मंत्रालय संभालनें का फैसला लिया है।
वही राजेंद्र गौतम का कहना है कि सीएम के पास पानी और सीवर की समस्या ज्यादा आ रही है । इन्हीं समस्या के निदान के लिए केजरीवाल खुद सामने आये है।
दिल्ली में सीवर और पानी की समस्या इस कदर गंभीर है की देखना होगा की सीएम केजरीवाल जल मंत्रालय के माध्यम से लोगों की पानी की समस्याओं को कम और खत्म कैसे करते है।
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