नई दिल्ली :दिल्ली सरकार ने गुरुवार को चार समितियों के गठन का आदेश दिया है। यह समितियां राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले अस्पतालों में कोविड-19 की मौतों के पीछे के कारणों की जांच करेंगी। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने एक आदेश में कहा, “यह देखा गया है कि अस्पतालों में भर्ती होने की तुलना में मौतों का प्रतिशत और सरकारी व निजी क्षेत्र के 11 अस्पतालों के वाडरें में कोविड मौतों का प्रतिशत 1 जुलाई से 23 जुलाई के बीच उच्च स्तर पर था।”
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली में कोरोना के कारण होने वाली मौतों में कमी आई है, लेकिन इसे और कम करना होगा। आज, हमने डॉक्टरों की चार समितियों का गठन किया है, जो इन अस्पतालों का निरीक्षण करके सुझाव देंगी। पहला, जहां अभी भी अधिक मौतें हो रही हैं और दूसरा, जहां वाडरें में ज्यादा मौतें हो रही हैं, यान मरीज को समय पर आईसीयू नहीं ले जाया गया।”
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, मैक्स अस्पताल, साकेत, आरएमएल अस्पताल और सेंट स्टीफन अस्पताल जैसे अस्पताल उन 10 अस्पतालों में शामिल होंगे, जिनकी जांच नई गठित समितियों द्वारा की जाएगी। समितियों में वरिष्ठ चिकित्सक शामिल हैं।
दिल्ली में फिलहाल कोरोना के 10770 एक्टिव केस हैं। दिल्ली में कुल 1,33,310 केस हैं, जिसमें से 88.99 प्रतिशत या 1,18,633 मरीज ठीक हो चुके हैं।
वहीं दिल्ली में कोविड केयर सेंटर के तौर पर सेवाएं दे रहे पांच सितारा होटलों को कम बुकिंग के चलते उन अस्पतालों से अलग कर दिया है, जिनसे वे संबद्ध थे। दिल्ली में कोरोना रोगियों की संख्या भी लगातार कम हुई है जिसके कारण अस्पतालों में ही अधिकांश बेड खाली पड़े हैं।
दिल्ली सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय के उपरांत अब दिल्ली के होटलों में कोविड केयर सेंटर नहीं होंगे। होटल अपनी पुरानी व्यवस्था के तहत कार्य करने के लिए स्वतंत्र हैं। दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के उपचार हेतु सात अलग-अलग पांच सितारा होटलों को दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के साथ जोड़ा था।
— आईएएनएस
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