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दिल्ली : गाजीपुर मुर्गा मंडी के कूड़े से मिलेगी बिजली और खाद

दिल्ली : गाजीपुर मुर्गा मंडी के कूड़े से मिलेगी बिजली और खाद

नई दिल्ली(आईएएनएस)| दिल्ली के गाजीपुर स्थित पोल्ट्री मार्केट में मंडी से निकलने वाले कूड़े से बिजली और खाद बनाई जाएगी। यह बिजली गाजीपुर मंडी से प्रतिदिन निकलने वाले कचरे से बनेगी। वेस्ट टू पावर प्लांट की मदद से 15 टन कूड़े से 1500 यूनिट बिजली प्रतिदिन बनेगी। मंगलवार को बिजली और खाद बनाने वाले इस संयंत्र की शुरुआत की गई। दिल्ली के अंदर कूड़े के तीन बड़े-बड़े पहाड़ बन गए हैं। दिल्ली में कचरा प्रबंधन के लिए आने वाले कुछ वर्षो में इस तरह के कई छोटे-छोटे प्लांट स्थापित किए जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली में कचरा प्रबंधन के लिए आने वाले कुछ वर्षो में इस तरह के कई छोटे-छोटे प्लांट स्थापित किए जाने की जरूरत है। मौजूदा बड़े डब्ल्यूटीपी प्लांट और ऐसे सैकड़ों छोटे प्लांट्स को स्थापित करने के बाद रोजना निकलने वाले कचरे को कूड़े के पहाड़ों पर नहीं डालना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि कचरे को री-साइकिल किया जाना चाहिए, खाद में बदलने, बिजली पैदा करने या ईंट-भट्टों में उपयोग होना चाहिए, इससे दिल्ली समृद्ध हो सकती है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “मुझे बेहद खुशी है कि वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, कूड़े से बिजली बनाने और खाद बनाने वाला प्लांट शुरू हो रहा है। इस मंडी में जितना भी प्रतिदिन के आधार पर कूड़ा पैदा होगा, उस सारे कूड़े से रोज बिजली बनाई जाएगी।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “ऐसे और प्लांट दिल्ली के अंदर लगेंगे, तो हम फिर ऐसी स्थिति में पहुंच सकते हैं कि दिल्ली का सारा कूड़ा, चाहे वह मंडी से निकले, चाहे घरों से निकले, चाहे दुकानों से निकले या फिर फैक्ट्रियों से निकले, वह सारा कूड़ा फिर दिल्ली के इन कूड़े के पहाड़ों पर नहीं जाना चाहिए। कूड़े का एक भी दाना इन पहाड़ों पर नहीं जाना चाहिए, वह सारा का सारा कूड़ा रोजाना खत्म हो जाना चाहिए। उससे चाहे खाद बन जाए, बिजली बन जाए या फिर वो ईंट-भट्ठे में चला जाए। उस कूड़े का कहीं न कहीं पर री-साइकलिंग होनी चाहिए, तभी दिल्ली आगे बढ़ सकती है।”

दिल्ली में कूड़े से बिजली बनाने के लिए यह प्लांट शुरू किया गया है। यहां सब्जी मंडियों का कूड़ा है, मुर्गा मंडी का कूड़ा है, जिससे बिजली बनाने के प्लांट की शुरुआत हुई है। इससे बनी बिजली अब दिल्ली में घरों को भी रोशन करेगी और साथ-साथ इस प्रयास से जो कूड़ा आसपास फैलता था, उससे भी लोगों को निजात मिलेगी। यह आपने आपने पहला प्रयोग है, जो किसी भी मंडी में शुरू किया गया है।

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