नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)| लोकसभा चुनाव में कम मतदान से सबक लेते हुए दिल्ली राज्य चुनाव मुख्यालय 8 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहता, ताकि यह मलाल न रहे कि वो इस बार के चुनाव में पिछले लोकसभा चुनाव (2019) की तुलना में ज्यादा मतदान कराने से फिर चूक गया।
चुनाव मुख्यालय इसके लिए स्कूली बच्चों के जरिये प्रभात-फेरियां निकालने से लेकर, मन-भावन स्लोगन, नुक्कड़ नाटकों तक का सहारा ले रहा है।
जब से चुनाव की घोषणा हुई है, तभी से कमर कसे हुए चुनाव मुख्यालय की मशीनरी हर हाल में इस विधानसभा चुनाव में मतदान का अनुपात बढ़ाने की हर-संभव कोशिशों में जुटी है। भले ही इसके लिए उसे घर-घर, गली-गली क्यों न भागदौड़ करनी पड़ रही हो। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह इन चुनावों में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने संबंधी हर योजना को खुद ‘मॉनीटर’ कर रहे हैं।
राज्य चुनाव मुख्यालय नोडल ऑफिसर (मीडिया) नलिन चौहान ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया, “मतदाता जागरूकता अभियान के तहत मंगलवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के तत्वावधान में प्रभात फेरी निकाली गई। इसमें करीब 400 स्कूली बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रभात फेरी में कक्षा पांच और कक्षा-4 के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।”
उधर, मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. सिंह ने आईएएनएस से कहा, “लोकसभा चुनाव-2019 में दिल्ली में मतदान कम हुआ था। लिहाजा, इस बार हम उस कमी को पूरा करना चाहते हैं। और वो कमी इस विधानसभा चुनाव में मतदान का अनुपात कहीं ज्यादा ऊपर ले जाकर ही पूरी की जा सकती है। इसके लिए हम कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। हमने उन तमाम इलाकों को भी चिन्हित कर लिया है, जिनमें लोकसभा चुनाव-2019 में मतदान कम हो पाया था। इनमें प्रमुख इलाके कमरुद्दीन नगर और घेवरा भी थे।”
उन्होंने आगे कहा, “मुंडका विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 74 हजार तीन मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें से लोकसभा चुनाव में 1 लाख 20 हजार 79 मतदाताओं ने ही मताधिकार का उपयोग किया था। हम हर संभव ऐसे इलाकों में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने की कोशिशों में जुटे हैं। कामयाबी जरूर मिलेगी।”
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