नई दिल्ली | मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते सप्ताह कहा था कि शहर में कोरोना प्रकोप का आठवां सप्ताह नए संक्रमण के लिहाज से सातवें सप्ताह से बेहतर है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े कुछ और ही कहते हैं। कोरोना के मामले में सप्ताह दर सप्ताह बढ़ोतरी हुई है। सातवें हफ्ते (13-19 अप्रैल) में 849 मामले थे, जबकि आठवें हफ्ते (20-26 अप्रैल) में 915 मामले सामने आए थे। नौवें हफ्ते में रविवार सुबह तक 1204 से ज्यादा मामले सामने आए थे।
राष्ट्रीय राजनधानी में कोरोना का पहला मामला चार मार्च को आया था और उस सप्ताह केवल तीन ही मामले सामने आए थे।
वहीं चौथे सप्ताह(23-29 मार्च) तक मामले दहाई अंक में पहुंच गए और पांचवें सप्ताह तक 431 नए मामले आ गए।
पहले सप्ताह में कोरोना के मामले ती ही थे, जबकि दूसरे सप्ताह के अंत(9-15 मार्च) में एक मौत के साथ केवल सात मामले ही थे।
तीसरे सप्ताह तक, पॉजिटिव मामलों की संख्य 72 हो गई और मृतकों की संख्या बढ़कर दो हो गई।
चौथे सप्ताह के अंत तक, मरकज घटना का पता चला और पांचवें सप्ताह की शुरुआत में 2300 से अधिक लोगों को निजामुद्दीन की एक ही इमारत से निकाला गया।
देश के विभिन्न भागों से जमा ये लोग बिना सामाजिक दूरी का पालन किए एक ही छत के नीचे रह रहे थे।
पांचवें सप्ताह के अंत तक राष्ट्रीय राजधानी में कुल 503 मामले सामने आए, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई।
इसी तरह मामले बढ़ते रहे और 19 अप्रैल तक मामले 2003 तक पहुंच गए और 45 लोगों की मौत हो गई।
आठवें हफ्ते(20-26 अप्रैल) 915 नए मामले सामने आ गए, जबकि कुल मामले 2,918 हो गए और 54 लोगों की मौत हो गई।
रविवार सुबह तक, यहां पॉजिटिव मामलों की संख्या 4,122 हो गई और मृतकों की संख्या 64 तक पहुंच गई।
–आईएएनएस
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