नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ईसी) ने आखिरकार 7 महीने बाद 6 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम कॉलेजों को भेज दिए हैं। कार्यकारी परिषद दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था है। इन 6 कॉलेजों में एक-एक सदस्यों के नामों को मार्च 2020 से रोका गया था। डीटीए और दिल्ली सरकार के हस्तक्षेप के बाद डीयू की कार्यकारी परिषद (ईसी) की मीटिंग बुलाई गई। इसमें ईसी रेगुलेशन नम्बर 25 के तहत गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम पास संबंधित कॉलेजों को भेज दिए गए। इसके अलावा दो कॉलेजों के डीयू द्वारा नामित सदस्यों के नाम आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज और शहीद राजगुरू कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस फॉर विमेन को भेज दिए गए हैं।
दिल्ली सरकार के 6 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम पिछले 7 महीने से विश्वविद्यालय ने रोके हुए थे। शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के साथ डीन ऑफ कॉलेजेज डॉ. बलिराम पाणी व सम कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी की मीटिंग हुई जिसमें मांग की गई कि 6 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नामों को पास करके जल्द भिजवाएं।
डीटीए के हस्तक्षेप के बाद इन सभी नामों को आगे भेज दिया गया है। इन 6 कॉलेजों में अदिति कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन, कालिंदी कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज ,केशव महाविद्यालय और लक्ष्मीबाई कॉलेज हैं।
डीटीए के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, लक्ष्मीबाई कॉलेज, कालिंदी कॉलेज और केशव महाविद्यालय में बिना दिल्ली सरकार के सदस्य के गवर्निंग बॉडी बना ली गई है। इसमें उन्होंने दिल्ली सरकार के बाहर के सदस्यों से गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन बना लिए है। इन कॉलेजों में सरकार के बाहर से गवर्निंग बॉडी चेयरमैन बनाए जाने पर डीटीए ने चिंता जताई थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय में पहली बार ऐसा हुआ है कि 7 महीने पहले कार्यकारी परिषद (ईसी) की मीटिंग 14 मार्च 2020 को हुई थी। इस मीटिंग में 28 कॉलेजों के नामों की लिस्ट पास हुई थी जिसमे 134 नामों को स्वीकृति दे दी गई थी। 6 लोगों के नामों पर ईसी सदस्यों ने आपत्ति जताई थी। इन नामों को दिल्ली सरकार के पास वापिस भेजा गया।
प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, पिछले 7 महीने से ईसी में गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम पास हो चुके, 6 कॉलेजों के 6 सदस्यों पर आपत्ति जताई गई थी लेकिन उसके तीन दिन बाद दिल्ली सरकार ने वाइस चांसलर को नाम भेज दिए थे लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय ने उनके नामों को नहीं भेजा था। अब ईसी की मीटिंग में इन नामों को पास करने के बाद कॉलेजों को अब नाम भेज दिए गए हैं।
जिन कॉलेजों में अब गवनिर्ंग बॉडी बनेगी वह लगभग 5 महीने ही काम कर पाएगी, वह भी तब, जब जल्द ही गवर्निंग बॉडी बनती है। दिल्ली विश्वविद्यालय के नियमानुसार गवनिर्ंग बॉडी का कार्यकाल एक साल का होता है लेकिन जिन कॉलेजों में अब नाम भेजे गए हैं वे 5 महीने ही सदस्य रह पाएंगे। डीयू प्रशासन से मांग की गई है कि हाल ही में जिन कॉलेजों के सदस्यों के नाम अभी भेजे गए हैं उन्हें मार्च के बाद एक्सटेंशन दिया जाए ताकि कॉलेज हित में गवर्निंग बॉडी कार्य कर सके।
— आईएएनएस
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