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दिल्ली हाट में 98 फीसदी सौर ऊर्जा, कार्बन उत्सर्जन में 186 टन कमी

 

नई दिल्ली: दिल्ली के पीतमपुरा स्थित फूड एवं क्राफ्ट बाजार दिल्ली हाट में 140 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया गया है। इस तरह दिल्ली हाट 98 फीसदी सौर ऊर्जा पर निर्भर हो गया है जिससे सालाना 186 टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण स्तर घटाने में मदद मिलेगी।

दिल्ली सरकार की बिजली उत्पादन इकाई, इंद्रप्रस्थ पावर जनरेशन (आईपीजीसीएल) से मिले 2.5 मेगावाट (एमडब्ल्यू) परियोजना अनुबंध के तहत, क्लीनमैक्स सोलर ने पीतमपुरा स्थित फूड एवं क्राफ्ट बाजार, दिल्ली हाट में 140 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया है।

इस रूफटॉप सोलर पावर प्लांट से सालाना 1.97 लाख यूनिट बिजली पैदा होने की उम्मीद है। इससे प्रति यूनिट 50 प्रतिशत की बड़ी बचत हासिल करने में मदद मिलेगी, और बिजली खर्च में प्रतिवर्ष 9.7 लाख रुपये की कमी आएगी।

दिल्ली में बिजली की मांग बढ़ने के चलते, रूफटॉप सोलर प्लांट्स बिजली की मांग और आपूर्ति के अंतर को घटाने में मदद करेंगे। इसके साथ ही, प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर यह प्लांट्स स्थाई ऊर्जा के साथ धुएं से भरे इस शहर को थोड़ी राहत प्रदान करेंगे। सोलर प्लांट से सालाना 186 टन कार्बन डाई ऑक्साइड (सीओ2) उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है।

क्लीनमैक्स सोलर के सह-संस्थापक एंड्रयू हाइंस ने कहा, “हमें सार्वजनिक सुविधाओं और इन्फ्रास्टक्च र प्रोजेक्ट्स को पर्यावरण अनुकूल बनाने की खुशी है। हम सार्वजनिक सुविधाओं के क्षेत्र में भी ऐसा ही करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार की मदद करने में अच्छी संभावना देखते हैं। दिल्ली हाट के अलावा केम्पेगोवड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (बेंगलुरू), चेन्नई मेट्रो और दिल्ली, मुंबई तथा बेंगलुरु की कई इमारतों सहित पब्लिक इंफ्रास्टक्च र क्षेत्र में भी हमारे ग्राहक हैं।”

उन्होंने कहा, “पर्यटकों के ज्यादातर शाम और रात में आने के कारण, बिजली की खपत इस समय पर होती है, जबकि सौर उर्जा दिन में पैदा होती है। नेट मीटरिंग सुविधा के कारण, सौर ऊर्जा उत्पादन और इस्तेमाल के अंतर को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, नेट मीटरिंग से राज्य डिस्कॉम (वितरण कंपनियों) को अतिरिक्त यूनिट ग्रिड में वापस लाकर व्यस्त समय की मांग को स्थिर करने में मदद करती है।”

–आईएएनएस

 

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