नई दिल्ली| दिल्ली के एक शख्स को जाली दस्तावेजों पर फर्जी फर्म बनाने, संचालित करने और 392 करोड़ रुपये से अधिक का इनपुट टैक्स धोखाधड़ी करने के आरोप में गुरुग्राम जोनल यूनिट की जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की एक टीम ने गिरफ्तार किया। डीजीजीआई की जांच से पता चला है कि आरोपी कबीर कुमार ने कागजों पर कई मालिकाना कंपनियां बनाईं, जिन्हें गुरुग्राम, नई दिल्ली, फरीदाबाद, सोलन, नोएडा, झज्जर और सिरसा आदि में दिखाया गया था।
वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि कबीर ने शहर से भागने की कोशिश की थी, लेकिन कस्टम और सीआईएसएफ अधिकारियों के सहयोग से डीजीजीआई अधिकारियों द्वारा आईजीआई हवाईअड्डे पर उसे धर लिया गया।
पूछताछ के दौरान उसने 31 फर्जी कंपनियां बनाने की बात स्वीकार की जिन्होंने फर्जी चालान की राशि 2,993.86 करोड़ रुपये और इनपुट टैक्स क्रेडिट कुल 392.37 करोड़ रुपये की दर्ज की थी।
उसके पास से एक लैपटॉप, मोबाइल फोन और 140 सिम कार्ड जब्त किए गए।
डीजीजीआई ने कहा कि दिल्ली में कई स्थानों पर जांच की गई और दस्तावेजी साक्ष्य और रिकॉर्ड किए गए बयान के आधार पर यह पाया गया कि कबीर जाली दस्तावेजों पर फर्जी फर्म बनाने के इस रैकेट का संचालन करने वाला मुख्य व्यक्ति था।
गुरुवार को गिरफ्तार किए गए कबीर को दिल्ली में एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
मामले में आगे की जांच जारी है।
और भी हैं
देश में इनोवेशन बढ़ाने के लिए हो एक लाख करोड़ के एएनआरएफ फंड का इस्तेमाल : पीयूष गोयल
अदाणी ग्रुप ने यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और एसईसी के आरोपों को किया खारिज
सीएम आतिशी ने रोहिणी में नये स्कूल का उद्घाटन किया, कहा- ‘हर बच्चे को वर्ल्ड क्लास शिक्षा देना हमारा मकसद’