नई दिल्ली। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने कहा कि भारत ने विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, सूचना प्रोद्यौगिकी एवं नैनो और बायो जैसी उभरती प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान हसिल कर लिया है। इस प्रक्रिया में हमने वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं और संस्थानों का दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क बना लिया है। वे ‘लोगों के लिए विज्ञान’ पर आधारित बसे बड़े विज्ञान महोत्सव भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ-2016) के बारे में लोकसभा को सूचित कर रहे थे।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि विज्ञान की प्रगति का लाभ जन-जन तक जरूर पहुंचे।इस दिशा में काम करते हुए विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ-2016) की शुरुआत करने की पहल की है।
डॉ. हर्षवर्द्धन ने बताया कि आईआईएसएफ-2016 केवल एक महोत्सव नहीं है बल्कि यह आम लोगों के साथ तथा हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के योगदान से जुड़ने का आंदोलन है।
आईआईएसएफ-2016 का आयोजन सीएसआईआर के नई दिल्ली स्थित नेशनल फिजिकल लेबोरेट्री(एनपीएल) के परिसर में 7 से 11 दिसंबर 2016 तक किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का औपचारिक रूप से उद्घाटन केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा 8 दिसंबर,2016 को किया गया। भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) विज्ञान से संबंधित एक बड़ा कार्यक्रम है जिसकी अवधारणा गत वर्ष बनाई गई थी। पहला भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 4 से 8 दिसंबर 2015 तक दिल्ली आईटीआई में आयोजित किया गया था। इस महोत्सव में चार लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया था। यह बहुत ही सफल आयोजन था और महोत्सव में 2000 स्कूलों के छात्रों द्वारा सबसे बड़ा विज्ञान प्रायोगिक पाठ संचालित करा कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी अपना नाम दर्ज कराया गया था।
पहले महोत्सव की अपार सफलता ने इस बार विस्तारित संभावना, जनादेश एवं संचालन के साथ आईआईएसएफ-2016 के आयोजन को गति दी है।
डॉ. हर्षवर्द्धन ने बताया कि आईआईएसएफ-2016 के आयोजन का उद्देश्य युवकों में वैज्ञानिक सोच ,ज्ञान के आदान-प्रदान तथा नए विचार को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही इस महोत्सव में विज्ञान के क्षेत्र में हमारे सभी विभागों द्वारा की गई प्रगति से भी लोगों को अवगत कराना है। यह महोत्सव भारत के एस एंड टी, प्रोद्यौगिकी विकास, भारतीय विज्ञान का इतिहास और विज्ञान शिक्षा में लगे 10000 शोधकर्ताओं, स्कूली छात्रों देश के उच्च स्तर के वैज्ञानिकों तथा शिक्षकों का शोकेस हेागा। इस के तहत कई तरह के विज्ञान से संबंधित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इनमें युवा विज्ञान सम्मेलन (करीब 3000 युवा वैज्ञानिक) ,डीएसटी-एंस्पायर कैंप (1000 मेधावी छात्रों के 200 शिक्षकों के साथ भाग लेने की उम्मीद), अंतर्राष्ट्रीय साइंस फिल्म महोत्सव (10 देशों की 80 प्रविष्टियां आएंगी) उद्योग-एकेडेमिया मीट (200 से अधिक औद्योगिक तथा शैक्षिक प्रतिनिधि भाग लेंगे) तथा मेगा साइंस एंड टेक्नोलॉजी एक्सपो का आयोजन किया जाएगा।
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