नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है और यह जीवन एवं स्वतंत्रता के अधिकार का अभिन्न हिस्सा है।
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय पीठ ने एक मत से यह फैसला दिया।
शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर आधार योजना को चुनौती दी गई थी और कहा गया था कि यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है।
–आईएएनएस
और भी हैं
दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल ने 2025-26 के लिए शैक्षणिक सत्र शुरू किया, 31 मार्च तक प्रवेश खुले
सूफी परंपरा के बारे में प्रधानमंत्री के विचार अद्भुत, मुसलमान भी पीएम मोदी के साथ : सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती
सीएम योगी के सलाहकार अवनीश अवस्थी का एक साल के लिए बढ़ा कार्यकाल