नई दिल्ली| शुक्रवार तड़के तिहाड़ जेल नंबर-3 स्थित फांसी घर में मौत की नींद सुलाए गए निर्भया के चारों मुजरिमों के शव का पोस्टमॉर्टम दोपहर बाद कर लिया गया। चारों के शवों का पोस्टमॉर्टम करने में पांच डॉक्टरों के पैनल को चार घंटे से ज्यादा का समय लगा।
डॉक्टरों के पैनल के चेयरमैन और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में फॉरेंसिक साइंस डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ.बी.एन.मिश्रा ने पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया पूरी होने की पुष्टि शुक्रवार दोपहर बाद आईएएनएस की। डॉ. मिश्रा ने कहा, “पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। शव पुलिस और तिहाड़ जेल प्रशासन के हवाले कर दिए गए हैं। क्योंकि इन्हीं दोनों के जरिए शव परिवार वालों को सौंपे जाने हैं।”
चारों की मौत की वजह पूछे जाने पर डॉ. मिश्रा ने आईएएनएस से कहा, “फिलहाल अभी इस पर कुछ बोलना जल्दबाजी होगी। फिर भी पहली नजर में पोस्टमॉर्टम के दौरान यह साफ हो चुका है कि चारों की मृत्यु गर्दन की हड्डी टूटने से हुई है। हड्डी टूटने के बाद काफी देर तक चारों के दिल की धड़कन भी बनी रही। जोकि इस तरह की मौत के मामले में स्वभाविक प्रक्रिया है। यह कोई नई बात नहीं है। ऐसा तभी होता है, जब किसी को कोई प्रोफेशनल जल्लाद गले में फंदा लटका कर मारता या फिर टांगता है।”
डॉ.बी.एन.मिश्रा ने आगे बताया, “पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया करीब 12 बजकर 45 मिनट पर पूरी हो सकी है।”
सूत्रों के अनुसार, चारों मुजरिमों के शव के इंक्वेस्ट पेपर्स पोस्टमॉर्टम पैनल के सामने तीन नंबर जेल के सुपरिंटेंडेंट एस. सुनील की तरफ से पेश किए गए थे। उन्होंने ही चारों को अदालती हुक्म पर फांसी देकर मारे जाने का कागजात में उल्लेख किया था।
–आईएएनएस
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