काठमांडू : नेपाल में 2015 में संविधान को मंजूरी दिए जाने के बाद पहली बार इसकी द्विसदनी संसद मार्च में अपना काम शुरू करेगी। नेपाल में 10 साल पहले शुरू हुआ संक्रमण काल खत्म हो गया है। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि संघीय संसद का पहला सत्र पांच मार्च को इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर न्यू बनेश्वर में आयोजित होगा। नेपाल की संघीय संसद, प्रतिनिधि सभा (निचला सदन) व नेशनल एसेंबली (ऊपरी सदन) से मिलकर बनी है।
काठमांडू पोस्ट की रपट के मुताबिक, भंडारी ने प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली की सिफारिश पर संघीय संसद की बैठक बुलाई है। ओली ने 15 फरवरी को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है।
ओली नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (यूनाइटेड मार्क्सवादी-लेनिनवादी) व नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर) के गठबंधन सरकार की अगुवाई कर रहे हैं। इन दोनों पार्टियों ने दिसंबर में आम चुनाव में भारी जीत हासिल की थी।
सीपीएन-यूएमएल व सीपीएन-एम के पास नई प्रतिनिधिसभा में 275 में से 174 सीटें हैं। सीपीएन-यूएमएल व सीपीएन-एम पार्टी के एकीकरण की प्रक्रिया में हैं। नेपाल की मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस को 63 सीटें मिली हैं।
हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव व नेशनल एसेंबली के अध्यक्ष का चुनाव पहले संसद सत्र के 15 दिनों के भीतर किया जाएगा। इस बीच दोनों सदनों के वरिष्ठतम सदस्य सत्र की अध्यक्षता करेंगे।
संसद के प्रवक्ता भरत राज गौतम ने समाचार एजेंसी एफे से कहा, “प्रमुख पार्टियों के शीर्ष नेता पहली बैठक को संबोधित करेंगे।”
15 दिनों में नेपाल के पास एक नई संसद को कामकाज शुरू कर देना है और 2015 के संविधान में स्वीकृत सभी संस्थानों को स्थापित किया जाएगा।
–आईएएनएस
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