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नेपाल के प्रधानमंत्री तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे

नेपाल के प्रधानमंत्री तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे

नयी दिल्ली| नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा अपनी पत्नी आरजू राणा देउबा के साथ तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर शुक्रवार को भारत पहुंचे।

अपनी इस यात्रा के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की चर्चा करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी उनके सम्मान में विशेष भोज का आयोजन करेंगे। देउबा इस दौरे में बिजनेस लीडर्स को भी संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री देउबा के साथ उनका 50 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है, जिसमें विदेश, जल संसाधन, स्वास्थ्य, कृषि एवं फिजिकल प्लानिंग मंत्री, कारोबारी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक नेपाल के प्रधानमंत्री की यह यात्रा दोनों देशों के पुराने संबंधों को मजबूती देगी।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि हाल के वर्षो में दोनों देशों के बीच साझेदारी कई क्षेत्रों में बढ़ी है। प्रधानमंत्री देउबा की इस यात्रा से दोनों पक्षों को इस साझेदारी की समीक्षा करने का अवसर मिलेगा और साथ ही दोनों देशों के लोगों के हित के लिये इसे मजबूती देने पर विचार किया जा सकेगा।

प्रधानमंत्री देउबा विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय जायेंगे, जहां वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा तथा अन्य लोगों से मुलाकात करेंगे।

शाम में वह नयी दिल्ली स्थित नेपाल के दूतावास में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां वह भारत में रह रहे नेपाल के लोगों से बातचीत करेंगे।

शनिवार को प्रधानमंत्री देउबा नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और दोनों के बीच हैदराबाद हाउस में बातचीत होगी। दोनों के बीच सीमा के मसले पर भी बात होगी।

प्रधानमंत्री देउबा अपनी यात्रा का समापन तीन अप्रैल को वाराणसी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के साथ करेंगे।

गौरतलब है कि नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के पी ओली की सरकार ने मई 2020 में एक नया मानचित्र जारी किया था जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिप्मियाधुरा क्षेत्र को नेपाल में दिखाया गया था, जिसके कारण दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट आ गयी थी।

इस बीच भारत ने सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, विदेश सविच हर्ष वर्धन श्रृंगला और रॉ प्रमुख सामंत कुमार गोयल को भेजकर दोनों पक्षों के बीच आयी इस कड़वाहट को दूर करने की कोशिश की।

–आईएएनएस

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