नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने देश में नकदी की किल्लत पर बुधवार को सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर हमला बोलते हुए कहा कि नोटबंदी का भूत उनका पीछा करते हुए लौट आया है।
उन्होंने हाल ही में हुए बैंक घोटालों को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों का भरोसा बैंकों पर से उठ चुका है।
उन्होंने कहा, “मुझे संदेह है कि आम लोग बैंकों से नकदी निकाल तो रहे हैं, लेकिन अपनी अतिरिक्त नकदी वापस बैंकों में जमा नहीं कर रहे हैं। संभव है कि ऐसा बैंकिंग प्रणाली पर भरोसा उठने के कारण हुआ हो, जिसका श्रेय बैंक घोटालों को जाता है।”
उन्होंने कहा, “500 रुपये और 1000 रुपये की नोटबंदी के बाद सरकार ने 2,000 रुपये के नोट छापे! अब सरकार शिकायत कर रही है कि 2,000 रुपये के नोट की जमाखोरी हो रही हैं। हमें हमेशा से यह पता था कि 2,000 रुपये के नोट जमाखोरों की मदद करने के लिए ही छापे गए हैं!”
चिदंबरम ने कुछ राज्यों में बैंकों में नकदी की कमी को लेकर ट्वीट की श्रृंखला में कहा, “नोटबंदी का भूत सरकार, आरबीआई का पीछा कर रहा है। नोटबंदी के 17 महीनों बाद भी अभी तक एटीएम का रि-कैलीब्रेशन क्यों नहीं किया गया।”
एनसीआर कॉर्प के प्रबंध निदेशक नवरोज दस्तूर ने कहा, “नकदी प्रतिशोध के साथ लौटी है।”
उन्होंने कहा, “मैं डिजिटलाइजेशन का समर्थक हूं। लेकिन सरकार नगदी की कमी कर इसे जबरदस्ती बढ़ावा नहीं दे सकती है। मुझे यह भी शक है कि आरबीआई रोपाई के मौसम के बाद नकदी की मांग का अनुमान लगाने में असफल रही।”
उन्होंने कहा, “आरबीआई का बयान असंतोषजनक है। अगर आरबीआई ने पर्याप्त नोट छापे हैं, तो उसे बताना चाहिए नकदी की कमी क्यों है।”
–आईएएनएस
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