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New Delhi: Union Minister for Finance, Corporate Affairs, and Information and Broadcasting Arun Jaitley addresses during the 109th FoundationDay celebrations of Indian Bank in New Delhi, on Aug 21, 2015. (Photo: IANS)

नोटबंदी : वित्तमंत्री ने बताया कम, छुपाया ज्यादा!

 

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को अपने बजट भाषण में 8 नवंबर 2016 को की गई नोटबंदी के बाद 30 दिसंबर 2016 तक जमा पुराने नोटों के बारे में बेहद कम जानकारी दी और पूरी बात छुपा गए। क्योंकि पूरी तस्वीर कठिनाइयों से भरी है।

 

जेटली ने कहा कि 2 लाख से 80 लाख के बीच पुराने नोट 1.09 करोड़ बैंक खातों में जमा किए गए। यानी औसतन 5.03 लाख रुपये हर खाते में जमा किए गए।

 

उन्होंने कहा कि 1.48 लाख खातों में 80 लाख रुपये से ज्यादा की रकम जमा की गई। यानी हरेक खाते में औसतन 3.31 करोड़ रुपये डाले गए।

 

इसका मतलब यह है कि महज 1.1 करोड़ बैंक खातों में 10.38 लाख करोड़ रुपये जमा किए गए। जो कि 8 नवंबर को बंद किए गए पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट में चलन में रही 15.44 लाख करोड़ रुपये का दोतिहाई से अधिक है।

 

इन खातों में जमा करनेवाले लोगों और कंपनियों की संख्या खातों की संख्या से कम होगी, क्योंकि इनके पास एक से अधिक खाते भी होंगे।

 

आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) के मार्च 215 के आंकड़ों के मुताबिक भारत में कुल 143.98 करोड़ बैंक खाते हैं। इनमें से महज एक फीसदी खातों में ही दोतिहाई रकम जमा कराई गई है। इसके अलावा इतनी बड़ी रकम जमा कराने वालों की संख्या वित्त वर्ष 2015-16 में आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले 5.1 करोड़ की संख्या (इसमें से 3.7 करोड़ लोग व्यक्तिगत आयकर दाता हैं) का महज पांचवा हिस्सा है। जो लोग वास्तव में सरकार को कर अदा करते हैं उनकी संख्या 2.73 करोड़ है।

 

अब, अगर आप उच्च जमा औसत वाले खातों को हटा दें और क्षेत्रीय बैंकों के खातों के आंकड़ों पर नजर डालें, जिन्हें शुरूआती दौर में पुराने नोट जमा कराने की अनुमति नहीं दी गई थी, तो भी 124.7 करोड़ खाते बचते हैं जिनमें नोटबंदी के बाद पुराने नोट जमा कराए गए होंगे।

 

(मार्च 2015 में बेहद कम जनधन खाते थे। वित्त मंत्रालय ने घोषणा की है कि 8 नवंबर से 30 नवंबर के बीच 26.68 करोड़ जनधन खातों में कुल 23,391 करोड़ रुपये जमा किए गए)

 

इसका मतलब यह है कि जनधन के अलावा बाकी बचे खातों में 8 नवंबर 2016 को की गई नोटबंदी के बाद कुल 15.44 लाख करोड़ मूल्य के प्रचलन में रहे पुराने नोट जमा करने पर हर खाते में औसतन कितनी रकम आएगी?

 

आप चाहे माने या माने यह संख्या महज 3,870 रुपये है।

 

संदर्भ बिन्दु के लिए, मार्च 2015 में जहां तक के आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध हैं। देश के कुल 124.7 करोड़ बैंक खातों में औसतन 61,075 रुपये जमा थे। (इनमें 1.1 करोड़ खातों में जमा 10.38 लाख करोड़ रुपये शामिल नहीं है।)

 

अब अगर नोटबंदी के बाद पुराने नोट का औसत 4,000 रुपये भी मान लें (जो कि उपरोक्त निकाले गए औसत से थोड़ा अधिक ही है) तो फिर 8 नवंबर की नोटबंदी के बाद जितने पुराने नोट प्रचलन में थे, उससे ज्यादा रकम बैंकों में जमा हो गई है।

 

क्या यही कारण है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद बैंकिंग प्रणाली में लौटे पुराने नोटों का कोई आंकड़ा अभी तक जारी नहीं किया है। यहां तक बैंक द्वारा पिछली बार 21 दिसंबर को जारी किए गए आंकड़े के डेढ़ महीने से ज्यादा बीत गए हैं। लेकिन आरबीआई अभी तक जमा हुए पुराने नोटों को गिनने में ही लगी है और असली आंकड़ों की घोषणा करने के इंतजाम में जुटी है।

(आईएएनएस)

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