फाजिल्का (पंजाब)| पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सीमावर्ती जिले फाजिल्का से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों का जायजा लेने के लिए शनिवार को यहां कई बैठकें कीं। बैठक में बीएसएफ, खुफिया ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, भारतीय सेना के सैन्य खुफिया सहित पाकिस्तान सीमा पर तैनात केंद्र सरकार की एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सीमावर्ती जिले के प्रमुख मुद्दों को उठाया गया और सभी एजेंसियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई।
इससे पहले राज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों ने सरपंचों और स्थानीय निवासियों के साथ बैठक को संबोधित किया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में लोगों से सीमा सुरक्षा बलों की आंख और कान बनने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल अपना काम कर रहे हैं लेकिन स्थानीय इनपुट और समर्थन राज्य में प्रतिबंधित हथियारों और नशीले पदार्थों की आमद को रोकने में काफी मददगार हो सकता है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा की अवधारणा पिछले कुछ वर्षों में व्यापक हुई है। राज्य की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए पारंपरिक खतरों के साथ-साथ, सुरक्षा अब संगठित अपराध, अवैध प्रवास, हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी आदि के रूप में गैर-पारंपरिक खतरे की भी परिकल्पना करती है।
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिले प्रतिबंधित हथियारों की तस्करी के इस खतरे की चपेट में हैं। इसलिए, लोगों का यह कर्तव्य है कि वे केंद्रीय सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस को समर्थन दें।
राज्यपाल के अभिभाषण में इस बात पर भी जोर दिया गया कि केंद्र और राज्य सभी एजेंसियों को खुफिया और इनपुट के नियमित आदान-प्रदान के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
–आईएएनएस
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