✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

पापी संतः यह सजा है बहुत कम

डॉ. वेदप्रताप वैदिक,

राम रहीम के नामों को कलंकित करनेवाले गुरमीतसिंह को आखिर 20 साल की सजा हो गई। कानून जितनी सजा दे सकता था, उसने दे दी लेकिन इस तरह के ढोंगी बाबा अपने आप को कानून से ऊपर समझते हैं। इसीलिए उसको वह सजा मिलनी चाहिए थी, जो नैतिक दृष्टि से उचित होती।

मैंने कल सुझाया था कि गुरमीत को अपने कत्ल की सजा खुद मांगनी चाहिए थी लेकिन वह कायर सिर्फ बीस साल की सजा पर ही फूट-फूटकर रोने लगा। उसे देखकर उन करोड़ों मूर्ख भक्तों को क्या अब भी कोई अक्ल नहीं आई ? यदि वह भयंकर कुकर्मी नहीं होता और सच्चा साधु होता तो क्या वह जज के सामने रोने लगता ? उसके क्रोध के आगे पृथ्वी कांप उठती। अदालत हिल जाती।
जज और वकील भाग खड़े होते लेकिन गुरमीत बड़ा कायर निकला। सजा का एलान सुनते ही उसके पांव कांपने लगे और वह जमीन पर बैठ गया। अगर उसे ज़रा भी शर्म होती तो वह जमीन में गड़ जाता। उसको सजा सुनानेवाले जज जगदीपसिंह को प्रणाम करता हूं। वह यथा नाम तथा गुण हैं। वह शेर हैं और जगत को जगमग करनेवाले दीप हैं। वे उन सब दब्बू मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और नेताओं के सामने जगमगाती मशाल हैं, जो इस भ्रष्टाचारी के चरण-चुंबन करते रहे।
जज जगदीप को अब पूरी सुरक्षा दी जानी चाहिए। उस अनाम साध्वी को भी सारा देश नमन करता है, जिसकी साहसी चिट्ठी ने इस कलंकी गुरमीत की पोल खोली। सिरसा के उस बहादुर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को भी मेरे प्रणाम, जिन्हें इस ढोंगी की पोल खोलने के कारण मौत का सामना करना पड़ा। शहीद रामचंद्र की विशाल प्रतिमा चंडीगढ़ में लगाई जानी चाहिए।
गुरमीत के इस डेरा झूठा सौदा के भक्त रणजीतसिंह की भी हत्या का राज शीघ्र ही खुलेगा और कोई आश्चर्य नहीं कि गुरमीत को आजीवन कैद हो जाए या फांसी पर चढ़ा दिया जाए। इस पापी को दी गई यह सजा फिर भी बहुत कम है। सरकार को चाहिए कि गुरमीत के सारे पाखंडों और कुकर्मों को उजागर किया जाए ताकि देश में अब दुबारा आसाराम, रामपाल और गुरमीत जैसे लोग पैदा ही न हों।

About Author