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पीएनबी घोटाले पर पीआईएल का केंद्र ने किया विरोध

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए 11,300 करोड़ रुपये घोटाले के मामले में बैंक के शीर्ष प्रबंधन की भूमिका की जांच और मामले में आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका (पीआईएल) का विरोध किया। पीआईएल का विरोध करते हुए महान्यायवादी के. के. वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ को बताया कि पीएनबी से संबंधित करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी पहले ही दर्ज हो चुकी है और जांच चल रही है।

वेणुगोपाल पीआईएल का विरोध करने को जैसे ही खड़े हुए, याचिकाकर्ता के वकील विनीत ढांडा ने पीठ से मामले में केंद्र को नोटिस जारी करने की मांग की, क्योंकि घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी ‘आम आदमी की जमा रकम’ लेकर भाग गया है।

इसपर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने जब पीआईएल को ‘प्रचार से प्रेरित मामला’ बताया तो ढांडा और पीठ के बीच गरमागरम बहस होने लगी।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “यह प्रचार से प्रेरित मामला है। आपको विश्वास के साथ बताना होगा कि सरकार जांच नहीं कर रही है। हमें सरकार को अवश्य जांच करने देना चाहिए। हम सरकार के क्षेत्राधिकार (घोटाले की जांच) में दखल न दें।”

पीठ के व्यवहार पर आपत्ति जाहिर करते हुए ढांडा ने कहा, “अदालत मेरा अपमान कर रही है। अगर पीआईएल को इस रूप में देखा जा रहा है कि उससे प्रचार मिलेगा तो वह उसे वापस ले लेंगे और अदालत को घोटाले पर स्वत: संज्ञान लेने व उसकी जांच करने को छोड़ देंगे।”

ढांडा ने कहा कि वह पिछले 16 सालों से शीर्ष अदालत में वकालत कर रहे हैं और उनको प्रचार के लिए कोई पीआईएल दाखिल करने की जरूरत नहीं है।

शराब कारोबारी विजय माल्या द्वारा बैंकों को 9,000 करोड़ रुपये की चपत लगाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “अगर सरकार इतनी सक्षम है, तो घोटाले क्यों हो रहे हैं?”

इसपर प्रधान न्यायाधीश ने ढांडा से कहा, “हम कानून के विषय में सुनवाई करते हैं न कि भावनाओं पर।” उन्होंने कहा कि महान्यायवादी ने इसका विरोध किया है।

ढांडा ने कहा, “उनका जो विरोध है, उसे वह शपथपत्र के जरिए करें।”

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “आप जिस तरीके से दलील दे रहे हैं, उसका उद्देश्य प्रचार हासिल करना है।”

न्यायमूर्ति खानविलकर ने ढांडा से पूछा कि क्या वह खुद याचिका पर अपनी दलील दे रहे हैं? उन्होंने पूछा, “क्या आपने इसके लिए अदालत की अनुमति ली?”

इसपर ढांडा ने कहा कि वह अपने पिता जे.पी. के प्रतिनिधि के रूप में पेश हुए हैं, जो बीमार हैं।

प्रधान न्यायाधीश मिश्रा ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च की तिथि मुकर्रर की।

–आईएएनएस

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