नई दिल्ली| अडानी के मसले पर संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस के साथ खड़े नजर आने वाले डीएमके, एनसीपी और लेफ्ट जैसे दलों को कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल की याद दिलाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने आर्टिकल 356 का सबसे ज्यादा दुरुपयोग कर 90 बार राज्यों की चुनी हुई सरकारों को गिराने का काम किया था। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्य सभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार पर ऐसे भी आरोप लगाए जाते हैं कि वे राज्यों को परेशान करते हैं लेकिन वे लंबे अर्से तक राज्य के मुख्यमंत्री रह कर यहां आए हैं इसलिए संघवाद के महत्व को भली-भांति समझते हैं। लेकिन जो लोग आज विपक्ष में बैठे हैं उन्होंने तो राज्यों के अधिकारों की धज्जियां उड़ा दी थीं। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना जारी रखते हुए कहा कि जरा इतिहास उठा करके देख लीजिए, वो कौन पार्टी थी, वो लोग कौन सत्ता में बैठे थे जिन्होंने आर्टिकल 356 का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया। 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया। उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 356 का 50 बार उपयोग किया, आधी सेंचुरी कर दी। वो नाम है श्रीमती इंदिरा गांधी का। उन्होंने 50 बार सरकारों को गिरा दिया।
लेफ्ट दलों पर कटाक्ष करते हुए पीएम ने कहा कि केरल में आज जो लोग इनके साथ खड़े हैं वो जरा याद कर लें कि किस तरह से तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने केरल में चुनी हुई वामपंथी सरकार को घर भेज दिया था। लेफ्ट दलों को याद करना चाहिए कि उनके साथ क्या हुआ था ?
कांग्रेस के सहयोगी डीएमके पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तमिलनाडु में एमजीआर और करुणानिधि जैसे दिग्गजों की सरकारों को भी इन्हीं कांग्रेस वालों ने बर्खास्त कर दिया था। एमजीआर की आत्मा देखती होगी कि आज आप कहां खड़े हो। यहां बैठे शरद पवार की सरकार भी इन्ही कांग्रेस ने महाराष्ट्र में गिरा दी थी जब वो राज्य के युवा मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन आज वो शरद पवार कहां हैं, किनके साथ खड़े हैं ?
मोदी ने कहा कि हर क्षेत्रीय नेता को कांग्रेस ने परेशान किया। एनटीआर जब अपने इलाज के लिए अमेरिका गए थे, उस समय कांग्रेस ने उनकी सरकार गिराने का प्रयास किया, ये कांग्रेस की राजनीति का स्तर था।
राजभवन के दुरुपयोग के आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सभा में कहा कि उस दौर के अखबार निकाल कर देख लीजिए, हर अखबार लिखता था कि राजभवनों को कांग्रेस के दफ्तर बना दिए गए थे, कांग्रेस के हेड क्वार्टर बना दिए गए। 2005 में झारखंड में एनडीए के पास ज्यादा सीटें थीं लेकिन गवर्नर ने यूपीए को शपथ के लिए बुला लिया था। 1982 में हरियाणा में भाजपा और देवीलाल के बीच प्री पोल एग्रीमेंट था, उसके बावजूद भी गवर्नर ने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण दिया था। ये कांग्रेस का इतिहास है और आज ये देश को गुमराह करने की बातें कर रहे हैं।
–आईएएनएस
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