नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑक्सीजन की आपूर्ति और उपलब्धता बढ़ाने के लिए नवोन्मेषी तरीकों की खोज करने के अपने निर्देशों के अनुरूप, रविवार को गैसीय ऑक्सीजन के उपयोग की समीक्षा करने के लिए आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए बताया कि आस-पास के अन्य अस्पतालों के साथ, चिकित्सा उद्देश्यों के लिए उद्योग द्वारा उत्पादित गैसीय ऑक्सीजन के उपयोग का जायजा लिया।
स्टील प्लांट, पेट्रोकैमिकल इकाइयों के साथ रिफाइनरियां, रिच कंबस्टन प्रोसेस का उपयोग करने वाले उद्योग, पावर प्लांट जैसे कई उद्योगों के पास ऑक्सीजन प्लांट हैं, जो गैसीय ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं जिनका प्रोसेस में उपयोग किया जाता है। मेडिकल उपयोग के लिए इस ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऐसी औद्योगिक इकाइयों की पहचान करने, जो अपेक्षित शुद्धता वाली गैसीय ऑक्सीजन का उत्पादन करती हैं, उनकी संक्षिप्त सूची बनाने जो नगरों/घनी आबादी वाले क्षेत्रों/मांग केंद्रों के निकट हैं तथा उस स्रोत के निकट ऑक्सीजनयुक्त बेड के साथ अस्थायी कोविड देखभाल केंद्रों की स्थापना करने के लिए रणनीति का उपयोग किया जा रहा है।
ऐसी पांच सुविधाओं के लिए पायलट कार्य पहले ही आरंभ किए जा चुके हैं और इस दिशा में अच्छी प्रगति दर्ज की गई है। प्लांट को ऑपरेट करने वाली पीएसयू या निजी उद्योगों तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों के समन्वयन के साथ इस काम को पूरा किया जा रहा है।
ऐसी उम्मीद है कि ऐसे संयंत्रों के निकट अस्थायी अस्पतालों की स्थापना के द्वारा कम समय में लगभग 10,000 ऑक्सीजनयुक्त बेड का निर्माण किया जा सकता है।
राज्य सरकारों को महामारी से निपटने के लिए ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों के साथ और अधिक ऐसी सुविधाओं की स्थापना करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने पीएसए संयंत्रों की स्थापना पर प्रगति की भी समीक्षा की। उन्हें जानकारी दी गई कि पीएम केयर्स, पीएसयू तथा अन्य के योगदान के जरिए लगभग 1500 पीएसए संयंत्र स्थापित किए जाने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने अधिकारियों को इन संयंत्रों को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।
बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, सड़क परिवहन तथा राजमार्ग सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
यह बैठक ऐसे समय में आयोजित की गई है, जब देश में कोरोना महामारी अपने चरम पर है और अस्पतालों में चिकित्सा ऑक्सीजन की भारी कमी है।
–आईएएनएस
और भी हैं
दिल्ली : जेपी नड्डा ने आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर की समीक्षा बैठक
सीमा पर जवान और खेतों में किसान दोनों तैयार, देश में अन्न की कोई कमी नहीं : शिवराज सिंह चौहान
शहीद मोहन नाथ गोस्वामी की पत्नी हुईं भावुक, ‘सिंदूर का बदला लिया’