आइजोल/कोहिमा :| पूर्वोत्तर राज्यों में मंगलवार को गिरजाघरों में लोगों ने विशेष प्रार्थनाओं, स्तुतिगान के साथ क्रिसमस मनाया। मिजोरम, नागालैंड, मेघालय व मणिपुर में 53 लाख से ज्यादा ईसाई रहते हैं, जबकि त्रिपुरा, असम व अरुणाचल प्रदेश में भी इनकी काफी संख्या है।
सातों राज्यों के राज्यपालों व मुख्यमंत्रियों ने क्रिसमस के मौके पर लोगों को शुभकामनाएं दीं।
इन राज्यों में क्रिसमस के मौके पर व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
गिरजाघरों में त्योहार की शुरुआत सोमवार की रात से हो गई, जहां क्रिसमस के गीत गाए गए।
असम, त्रिपुरा व म्यांमार की सीमाओं से लगे प्रवेश के बिंदुओं पर सख्त चौकसी रखी जा रही है।
सामुदायिक दावतों का आयोजन गांवों व शहरी क्षेत्रों में मंगलवार को किया गया, यह सिलसिला बुधवार तक जारी रहेगा।
मिजोरम अपना 148वां क्रिसमस मना रहा है। मिजोरम में क्रिसमस की शुरुआत औपनिवेशिक ब्रिटिश सैनिकों द्वारा 1871 में की गई थी।
हालांकि, राज्य ड्राई क्रिसमस व नव वर्ष मनाएगा, क्योंकि नव निर्वाचित मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार द्वारा 21 दिसंबर से 14 जनवरी तक ड्राई डे (शराब रहित) घोषित किया गया है।
नागालैंड में वोखा जिले में बाइबिल को मिट्टी में गाड़ने को लेकर पैदा हुए विवाद से क्रिसमस व नव वर्ष का त्योहार फीका पड़ गया है।
वोखा के अतिरिक्त उपायुक्त के.महथुंग त्संगलो ने 21 दिसंबर की एक अधिसूचना में कहा, “एक ही समय पर एक ही गिरजाघर में दो समूहों द्वारा क्रिसमस व नए साल के कार्यक्रम को आयोजित करने से लोग बंट रहे हैं।”
वोखा प्रशासन ने कानून व व्यवस्था का हवाला देते हुए वोखा चर्च कालोनी में एसेंबलीज ऑफ गॉड (एजी) चर्च में प्रवेश को प्रतिबंधित किया है।
–आईएएनएस
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