नई दिल्ली| सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनूप चंद्र पांडे ने बुधवार को चुनाव आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया। वह अब मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के साथ तीन सदस्यीय निकाय में शामिल हो गए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को पांडे को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के रूप में सुनील अरोड़ा का कार्यकाल 12 अप्रैल को पूरा हो गया था। इसके बाद से निर्वाचन आयुक्त का एक पद रिक्त था। सुशील चंद्रा फिलहाल सीईसी हैं, जबकि राजीव कुमार अन्य निर्वाचन आयुक्त हैं।
पोल पैनल को अगले साल उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के अगले सेट की देखरेख करनी है।
62 वर्षीय पांडे 2024 के लोकसभा चुनावों की संभावित घोषणा से ठीक पहले इस पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे, क्योंकि चुनाव आयुक्तों के लिए आयु मानदंड के अनुसार, 65 वर्ष की आयु होने पर वह फरवरी 2024 में पद छोड़ देंगे।
15 फरवरी, 1959 को जन्मे पांडे 1984 बैच के यूपी कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी रहे हैं। अपनी 37 साल की सेवा के दौरान, उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
चुनाव आयोग में शामिल होने से पहले, पांडे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ओवरसाइट कमेटी, उत्तर प्रदेश के सदस्य के रूप में कार्यरत थे।
पांडे को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 जून, 2018 को मुख्य सचिव के रूप में राज्य की नौकरशाही का नेतृत्व करने के लिए चुना था और वह इस पद से अगस्त 2019 में सेवानिवृत्त हुए। उनकी निगरानी में, राज्य ने प्रयागराज में कुंभ मेला और वाराणसी में 2019 में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया।
इससे पहले, पांडे ने औद्योगिक विकास आयुक्त के रूप में कार्य किया और 2018 में लखनऊ में सफलतापूर्वक एक मेगा इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन भी किया। उन्होंने सिंगल विंडो निवेश मित्र पोर्टल सहित उद्योगों और व्यापार क्षेत्र में विभिन्न नीतिगत सुधारों की शुरूआत की।
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव, (वित्त) के रूप में उन्होंने राज्य की कृषि ऋण माफी योजना के सफल डिजाइन, योजना और कार्यान्वयन का निरीक्षण किया।
पांडे ने केंद्र में अपनी प्रतिनियुक्ति के दौरान विभिन्न विभागों को संभाला है।
उन्होंने जी20 और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन जैसे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व किया है। वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और उपभोक्ता मामलों के विभाग में निदेशक भी रहे चुके हैं।
पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री और पंजाब विश्वविद्यालय से सामग्री प्रबंधन में मास्टर डिग्री प्राप्त करने वाले पांडे इतिहास के अध्ययन में गहरी रुचि रखते हैं। उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास में पीएचडी भी की है।
पांडे की लेखन में गहरी रुचि है और उन्होंने प्राचीन भारत में शासन नामक एक पुस्तक लिखी है, जो ऋग्वेदिक काल से 650 ईस्वी तक भारतीय सिविल सेवा के विकास, प्रकृति, कार्यक्षेत्र, कार्यों और संबंधित पहलुओं की खोज करती है।
–आईएएनएस
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