प्रयाग/लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को प्रयाग के संगम में डुबकी लगाई। इस मौके पर उन्होंने पांच सफाई कर्मियों के अपने हाथों से पैर धोए। इसके बाद उन्हें अंगवस्त्र देकर उनका आभार जताया और धन्यवाद किया। मोदी ने गंगा पंडाल में स्वच्छाग्रहियों और सुरक्षा कर्मियों को सम्मानित किया। उन्होंने दो नाविकों, राजू निषाद और लल्लन निषाद को भी पुरस्कार दिया।
नरेन्द्र मोदी पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद कुंभ में स्नान करने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं। इस मौके पर उनके साथ केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा, “सफाई कर्मियों के योगदान से इस बार कुंभ की पहचान स्वच्छ कुंभ के रूप में हुई। दिव्य कुंभ को भव्य कुंभ बनाने में सबसे बड़ा योगदान सफाई कर्मियों का रहा है। कुंभ में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा गया, ये बड़ी जिम्मेदारी थी। सफाईकर्मियों के चरण धुलकर जो वंदना की उसका अहसास जिंदगी भर रहेगा। उनका और सभी का स्नेह हमेशा बना रहेगा। मैं आपकी इसी तरह सेवा करता रहूं यही मेरी कामना है।”
उन्होंने कहा कि मां गंगा की प्रबलता को लेकर भी इस बार खासी चर्चा है। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया के जरिए ये जान रहा था। आज यहां आकर खुद भी अनुभव किया। 1 करोड़ 30 लाख की राशि सियोल में शांति पुरस्कार के रूप में मिला, जो मैंने नमामि गंगे मिशन को दे दिया।
मोदी ने कहा, “प्रयागराज में कण कण में तप का असर है। आज संगम में पवित्र स्नान का सौभाग्य मिला। स्वच्छ सेवा सम्मान कोष की घोषणा हुई। कोष से इस कुंभ में काम करने वाले सफाईकर्मियों के परिवार वालों को मदद मिलेगी। पिछले साढ़े चार वर्षो में मुझे जो भी उपहार मिला उसकी नीलामी करके उस राशि को मां गंगा को समर्पित कर दिया।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “इस साल 2 अक्टूबर से पहले पूरा देश खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने की तरफ आगे बढ़ रहा है और मैं समझता हूं, प्रयागराज के आप सभी स्वच्छाग्रही, पूरे देश के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा बनकर सामने आए हैं। गंगाजी की ये निर्मलता नमामि-गंगे मिशन की दिशा और सरकार के सार्थक प्रयासों का भी उदाहरण है। इस अभियान के तहत प्रयागराज गंगा में गिरने वाले 32 नाले बंद कराए गए हैं। सीवर-ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से गंगा नदी में प्रदूषित जल को साफ करने के बाद ही प्रवाहित किया गया।”
मोदी ने कहा कि साथियों जब प्रयागराज में कुंभ लगता है तो सारा प्रयागराज ही कुंभ हो जाता है। प्रयागराज के निवासी भी श्रद्धेय हो जाते हैं। प्रयागराज को विकसित करने और कुंभ को सफल करने में प्रयागराजवासियों की भी मुख्य भूमिका रही है।
उन्होंने कहा, “पिछली बार मैं जब यहां आया था तो मैंने कहा था कि इस बार का कुंभ अध्यात्म, आस्था और आधुनिकता की त्रिवेणी बनेगी। मुझे खुशी है कि आप सभी ने अपनी तपस्या से इस विचार को साकार किया है। तपस्या के क्षेत्र को तकनीक से जोड़ कर जो अद्भुत संगम बनाया गया उसने भी सभी का ध्यान खींचा है।”
— आईएएनएस
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