नई दिल्ली | भारतीय रेलवे ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को उनके गृहराज्य ले जाने के लिए बुधवार तक 115 श्रमिक ट्रेनें चलाई गईं। बुधवार को 42 ट्रेनें चलीं, जिनमें से 22 ट्रेनों को पहले ही दोपहर 1 बजे तक गंतव्यों के लिए रवाना कर दिया गया। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, “मंगलवार को मिली जानकारी के अनुसार, हमने 38 विशेष ट्रेनें चलाई थीं। आज, हमने और 42 ट्रेनें चलाने की योजना बनाई। उनमें से 22 ट्रेनें दोपहर 1 बजे तक रवाना हो चुकी थीं। अब तक कुल 115 ट्रेनें चलाई जा चुकी ह।”
पूरे भारत में अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए 1 मई से सिंगल-डेस्टिनेशन ट्रेनें शुरू की गई हैं। 1,200 प्रवासी मजदूरों के साथ पहली विशेष ट्रेन 1 मई को तेलंगाना से झारखंड के लिए चलाई गई थी।
रेलवे ने 5 मई को कहा था कि 67,000 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया।
अधिकारिक दिशानिर्देश के अनुसार, मेजबान राज्य की सरकार समेकित किराये का भुगतान रेलवे को करेगी। यह भी कहा गया है कि रेलवे या तो प्रवासी मजदूरों से किराया वसूल सकती या मेजबान राज्य से प्राप्त कर सकती है।
शहर का प्रशासन इन यात्रियों को टिकट सौंपेगा और रेलवे को सबका इकट्ठा ही किराया देगा। रेलवे ने इन ट्रेनों में भोजन और पानी की व्यवस्था की है।
लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रेलवे केवल माल और विशेष पार्सल ट्रेनें चला रहा है।
–आईएएनएस
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