मिर्जापुर – कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सोनभद्र में 11 लोगों की हत्या के पीड़ितों से मिलने के लिए अड़ी रहीं। शुक्रवार की दोपहर में मिर्जापुर जिला प्रशासन ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पीड़ितों के घर जाने से रोके जाने के विरोध में प्रियंका गांधी और कांग्रेस के कई नेता धरने पर बैठ गए। वहीं प्रियंका को हिरासत में लिए जाने की जानकारी होने के बाद पूर्वाचल में सियासी सरगर्मी भी बढ़ गई है। सोनभद्र जाने को लेकर अड़ीं प्रियंका चुनार डाकबंगले में पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी समेत कुछ पार्टी पदाधिकारियों के साथ मौजूद हैं।
प्रियंका का कहना है कि वह कुछ लोगों के साथ ही सही, लेकिन पीड़ितों से मिलने जरूर जाएंगी। वहां पहुंचे जिलाधिकारी अनुराग पटेल, पुलिस अधीक्षक अवधेश पांडेय, एसडीएम सत्य प्रकाश सिंह उन्हें सोनभद्र न जाने के लिए मनाने में जुटे हैं। वहीं डाक बंगले के बाहर कार्यकर्ताओं का भारी जमावड़ा भी शुरू हो गया है।
प्रशासन ने मौके पर भारी भीड़ को देखते हुए गेस्ट हाउस के प्रवेशद्वार को बंद कर दिया है। गेट पर ही कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं।
इस दौरान प्रियंका ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “मेरी गिरफ्तारी का कोई भी कागज प्रशासन नहीं दिखा रहा है। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। अधिकार मांग रहे लोगों पर हमला किया गया, गोली चलाई गई। सोनभद्र में हुई जमीनी विवाद में हत्या में मारे गए लोगों के परिजनों से मुझे मिलने नहीं दिया जा रहा है।”
प्रियंका को मिर्जापुर की सीमा पर नारायणपुर के पास गिरफ्तार कर चुनार किला ले जाया गया है। उन्होंने कहा, “यहां से चाहे मुझे कहीं भी ले जाया जाए, लेकिन मैं पीड़ितों से मिले बिना नहीं लौटूंगी। सोनभद्र में धारा 144 लगने की स्थिति में मैं तीन लोगों के साथ परिजनों से मिलने वहां जाऊंगी, जिससे धारा 144 का उल्लंघन न हो सके।”
उन्होंने कहा कि सोनभद्र के घोरावल क्षेत्र में जमीनी विवाद में जिस तरह जनसंहार किया गया, उसकी कांग्रेस भर्त्सना करती है। जिन 11 लोगों की मौत हुई है, उनके परिजनों के पुनर्वास की व्यवस्था के साथ राज्य सरकार उन्हें मुआवजा दे।
हिरासत में लिए जाने के बाद चुनार गेस्ट हाउस पहुंची प्रियंका ने सबसे पहले एसडीएम से वारंट मांगते हुए पूछा, “बिना वारंट के आप मुझे कैसे यहां ले आए हैं?” इसके बाद अधिकारियों ने उन्हें निषेधाज्ञा लागू होने की बात कहकर समझाने की कोशिश की।
प्रियंका ने चुनार किले पर सीओ से कहा, “बिना वारंट के गिरफ्तारी नहीं होती है। यह तो किडनैपिंग है।” इसके बाद सीओ हितेंद्र कृष्ण ने कहा, “मैम, बगैर वारंट के भी गिरफ्तारी हो सकती है।”
इसके बाद प्रियंका को चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया। हालांकि, इस दौरान किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
धरने पर बैठीं प्रियंका ने कहा कि वह सोनभद्र में हुई झड़प में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से जा रही थीं, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक लिया।
इससे पहले, प्रियंका का काफिला वाराणसी ट्रॉमा सेंटर से जैसे ही मिर्जापुर के रास्ते सोनभद्र रवाना हुआ, नारायणपुर के पास उन्हें रोक दिया गया।
–आईएएनएस
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