नई दिल्ली। आल इंडिया माइनोरिटीज फ्रंट ने पश्चिम बंगाल में पहले चरण में हुए मतदान में धांधली व अनियमितताओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा होना स्वस्थ लोकतंत्र के लिए खतने की घंटी है। चुनाव आयोग को फौरन कड़े कदम उठाते हुए प्रथम चरण के चुनाव को रद्द कर शुक्रवार को हुए चुनाव की अगली तिथि घोषित करनी चाहिए।
आल इंडिया माइनोरिटीज फ्रंट के अध्यक्ष डॉ सैयद मोहम्मद आसिफ ने ने यहां बयान जारी करते हुए कहा कि यह अफसोस की बात है कि देश का चुनाव आयोग एक विशेष पार्टी के प्रति झुका दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सुरक्षा बलों की पश्चिम बंगाल चुनाव में तैनाती होना कोई बुरी बात नहीं लेकिन सुरक्षा बल के जवान पार्टी विशेष के उम्मीदवारों के पक्ष में काम करें, यह गंभीर चिन्ता का विषय है। ऐसा होना देश में अधिनायकवाद की स्पष्टï आहट है। इसे हर कीमत पर रोका जाना चाहिए।
जनाब आसिफ ने कहा कि मतदान केन्द्रों में मतदाता किसी एक पार्टी को वोट के लिए बटन दबाए और वह वोट दूसरी पार्टी के पक्ष में चला जाए? यह सरासर चुनाव को ईवीएम द्वारा मतों पर डाका डालना जैसा है। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग तथ्य एवं सबूतों को नजर अन्दाज करे तो उच्च न्यायालय को इस मामले में स्वविवेक से हस्तक्षेप करना चाहिए। क्योंकि मतदान अगर निरपेक्ष रहेगा तब ही लोकतंत्र बचेगा।
माइनोरिटीज फ्रंट के अध्यक्ष डॉ आसिफ ने कहा कि सरकार और चुनाव आयोग अगर एक दूसरे की मदद करते दिखाई दे रहे हैं तो अदालत को सामने आना होगा लोकतंत्र की रक्षा के लिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों और सरकारी मशीनरी का चुनाव में दुरुपयोग हर हाल में रोका जाना चहिए। अगर इसे रोका नहीं गया तो जनता सडक़ों पर उतर आएगी।
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