संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि म्यांमार के राखिने प्रांत में 25 अगस्त को भड़की हिसा के बाद पलायन कर बांग्लादेश पहुंचे रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 4,80,000 तक पहुंच गई है और इस तरह बांग्लादेश में मौजूद रोहिंग्या शरणार्थियों की कुल संख्या सात लाख के ऊपर हो गई है।
मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय(ओसीएचए) ने मंगलवार को बताया कि म्यांमार के राखिने प्रांत में अगस्त के अंतिम सप्ताह में भड़की हिसा के बाद पलायन कर बांग्लादेश पहुंचे रोहिंग्या समुदाय के लोगों की संख्या 4,80,000 तक पहुंच गई है और इस तरह बांग्लादेश में मौजूद रोहिंग्या शरणार्थियों की कुल संख्या सात लाख हो गई है।
मुस्लिम जातीय अल्पसंख्यक समूह ‘रोहिंग्या’ को म्यांमार ‘म्यांमार नागरिक कानून-1982’ के तहत अपना नागरिक नहीं मानता है। म्यांमार सरकार इन लोगों को बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी मानता है।
रोहिंग्या आतंकियों की ओर से 25 अगस्त को म्यांमार सेना के विरुद्ध किए गए हमले के बाद फैली हिंसा में लाखों रोहिंग्या को बांग्लादेश पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था।
दुजारिक ने बताया, “बांग्लादेश प्रशासन की अगुवाई में बनाए गए प्रतिक्रिया योजना के तहत संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ‘यूएनएचसीआर’ की तरफ से एक मालवाहक विमान करीब 100 टन आवश्यक सामान लेकर मंगलवार को ढाका पहुंचा है।”
उन्होंने बताया कि दो और सहायता विमान सामानों के साथ ढाका पहुंचने वाले हैं।
प्रवक्ता ने कहा, “जमीनी स्तर पर सारे प्रयास करने के बावजूद, बड़ी संख्या में रोहिंग्या के पहुंचने से उनके लिए बंदोबस्त करने की क्षमता कम पड़ गई है। इनमें से कई, जो अभी वहां पहुंचे हैं, काफी तनाव में हैं।”
उन्होंने बताया कि हाल-फिलहाल में पहुंचे रोहिंग्या शरणार्थियों, खासकर महिलाओं और बच्चों ने अधिकारियों को बताया है कि 25 अगस्त को उत्तरी राखिने प्रांत में फैली हिंसा के बाद उपद्रवियों ने उनके घर जला दिए, जिसके बाद उन्हें यहां आने पर मजूबर होना पड़ा।
उन्होंने बताया है कि बांग्लादेश सरकार के आग्रह पर यूएनएचसीआर और सहयोगियों ने नए प्रवासियों के लिए कुटुपलोंग और नयापारा शिविर में सुरक्षा और जीवन दायिनी सहयोग को बढ़ा दिया है।
उन्होंने साथ ही कहा कि शरणार्थी एजेंसी प्रवास किट, रसोई सेट, सौर लैंप समेत कई जरूरी सामानों का वितरण कर रही है।
दुजारिक ने कहा कि सप्ताहांत में अपने बांग्लादेश दौरे के दौरान शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रांडी ने बांग्लादेश के अधिकारियों से मुलाकात की थी।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य जरूरतमंदों को तत्काल सहायता पहुंचाना है।
दुजारिक ने कहा कि विश्व खाद्य कार्यक्रम ने 4,60,000 लोगों को अगले छह महीनों के लिए हर दो सप्ताह में 25 किलोग्राम चावल देने के लिए पंजीकृत किया है। 200,000 लोगों को आपात सहायता के तहत उच्च ऊर्जा वाले बिस्कु ट का वितरण किया गया है।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफपी बांग्लादेश पहुंचे भूखे और कुपोषित महिलाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंतित है। इनमें से 60,000 लोगों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई गई है।
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोक्स बाजार में बांग्लादेशी स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने में मदद की है। यह नियंत्रण कक्ष शरणार्थियों के स्वास्थ्य की निगरानी, तत्काल चेतावनी जारी करने और जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ समन्वय स्थापित करने में मददगार होगा।
–आईएएनएस
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