नई दिल्ली। ऑल इंडिया माइनोरिटी फ्रंट ने कहा है कि मुुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनता के खुला पत्र उनकी स्वीकारोक्ति है कि अपने पन्द्रह वर्षों के शासनकाल में बिहार के बिहार के विकास और उसके सम्मान की रक्षा के लिए वे कुछ नहीं कर पाये है। इसलिए उन्हें नैतिक आधार पर ,अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और इस चुनाव से हट जाना चाहिए।
आल इंडिया माइनोरिटी फ्रंट के अध्यक्ष एस एम आसिफ ने राजधानी से जारी बयान में कहा है कि जब देश के विभिन्न शहरों में लॉक डाउन के दौरान दाने दाने को मोहताज प्रदेश के मजदूर अपने जीवन की रक्षा के लिए अपने घर -गांव- कस्बे को लौट रहे थे तब नीतीश कुमार ने कहा था कि हम उन्हें बिहार में घुसने नहीं देंगे और फिर भी वे आये जब वे आ गए तब उनके लिए रोजी रोटी का कोई प्रबन्ध नहीं किया। हैरत की बात हॉकी कि इस चुनाव के दौरान भी बिहार से मजदूरों का देश के विभिन्न शहरों की ओर पलायन जारी है। इसके लिए नितीश ही जिम्मेदार हैं। जाहिर है उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया कि मजदूर खुद को अपने ही प्रदेश में सुरक्षित समझ सकें।
जनाब आसिफ ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वाभिमानी बिहारियों के सम्मान की रक्षा करने में पूरी तरह से विफल हुए है। इसलिए अब चुनाव के मौके पर कह रहे है कि युवा शक्ति को हुनरमंद , महिलाओं को सक्षम एवं स्वावलंबी, हर खेत तक पानी पहुंचाने, स्वच्छ एवं समृद्ध गांव तथा शहर बनाने के लिए काम करेंगे।
आसिफ ने आरोप लगाया कि बिहार में भूखे लोगों को वे प्रधानमंत्री राहत योजना की सहायता नहीं उपलब्ध करा पाये और अब कह रहे हैं कि मनुष्य एवं पशुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं कराएंगे। उनका यह खुला पत्र बिहार की मेहनती जनता का मजाक उड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब नीतीश कुमार की जुमलेबाजी को समझ गई है। प्रदेश की जनता अब संघर्षशील माइरोरिटी फ्रंट, प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलाइंस और इसके सभी घटक दलों के साथ खड़ी है। इस बार का जनादेश दंभी नीतीश कुमार के शासन को पलट देगा।
आसिफ ने कहा कि नीतीश के शासन में अमन-चैन और भाईचारे का वातावरण खराब हुआ है। डर का माहौल व्याप्त है। एनडीए के शासन में देश और प्रदेश में विकास ठहर गया है। शिक्षा-स्वास्थ्य का स्तर खराब हुआ है। घरों में पानी पहँुचा नहीं नीतीश के सभी दावे खोखले हैं। आसिफ ने कहा है कि मुख्यमंत्री बताएं कि जब बिहारी मुम्बई जैसे शहर में बेइज्जत कर भगाया जाता है तब वे खामोश क्यों रहते है। ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं बनाई कि प्रदेश के लोगों को दूसरे शहरों में जाना न पड़े।
और भी हैं
देश में गठबंधन हो रहा मजबूत, रणनीति के तहत बदली उपचुनाव की तारीख : डिंपल यादव
झारखंड : एनडीए में सीट शेयरिंग पर बनी सहमति, जानिए भाजपा कितने सीटों पर लड़ेगी चुनाव
17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे नायब सिंह सैनी, तैयारियां तेज