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नालंदा

बिहार : नालंदा के क्वारंटाइन सेंटरों में सुविधाओं का अभाव, फूट रहा आक्रोश

 बिहारशरीफ | बिहार के नालंदा जिले के क्वारंटाइन सेंटरों में सुविधा की कमी को लेकर कहीं ना कहीं प्रवासी मजदूरों द्वारा प्रतिदिन हंगामा किया जा रहा है। सरमेरा प्रखंड में बड़ी मलावां गांव के उच्च विद्यालय में बनाये गये सेंटर में मजदूरों के बीच ही शुक्रवार को मारपीट हो गई। मारपीट में एक मजदूर गंभीर रूप से जख्मी हो गया। इधर, बिहारशरीफ प्रखंड के नकटपुरा पंचायत के उपरांवा गांव के क्वारंटाइन सेंटर में शौचालय नहीं होने के कारण लोगों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है।

सरमेरा प्रखंड के बड़ी मालवां गांव के उच्च विद्यालय में बने क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी लोगों का आरोप है कि 4 दिनों से सिर्फ उन्हें खाना-नाश्ता दिया जा रहा है। अभी तक उन्हें जग-बाल्टी, मच्छरदानी समेत अन्य सामान नहीं मिले हैं। इससे पहले सरमेरा के मॉडल स्कूल व टेन प्लस टू बालिका विद्यालय के सेंटरों पर भी हंगामा हो चुका है।

अंचलाधिकारी शिवनंदन सिंह कहते हैं कि प्रवासी मजदूरों की शिकायतें मिली हैं और उनकी शिकायतों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि बड़ी मलावां सेंटर पर कुल 171 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है, जिसमें 13 महिलाएं और तीन बच्चे हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी तेलंगाना से वापस लौटे हैं।

बिहारशरीफ प्रखंड के नकटपुरा पंचायत के उपरावां गांव में भी सुविधाएं नहीं हैं। यहां पंचायत भवन में क्वारंटाइन सेंटर में बनाए गए हैं, जिसमें विभिन्न प्रदेशों से आए करीब 60 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। लोगों की शिकायत है कि यहां ना तो शौचालय की व्यवस्था है और न ही किसी प्राकर के बैरिकेडिंग की गयी है। इस कारण ये लोग बाहर शौच के लिए जाते हैं और गांव में घूमते रहते हैं, जिससे इस इलाके में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।

पंचायत के पूर्व मुखिया सत्येंद्र पासवान का कहना है कि हम लोग प्रयास करते हैं कि लोग बाहर न जाएं, लेकिन लोग नहीं मान रहे हैं।

इस बीच, इस्लामपुर प्रखंड में पनहर के रसुलबिगहा क्वारंटाइन सेंटर का हाल भी बुरा है। बुधवार से यहां मुंबई, हरियाणा, दिल्ली व अन्य प्रदेशों से लौटे 45 लोग रह रहे हैं। यहां के लोगों में आक्रोष है। लोगों का आरोप है कि उन्हें ना खाने को मिल रहा है और ना ही दिनचर्या की वस्तुएं ही मिली हैं।

नालंदा के जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह कहते हैं कि जिले में करीब 200 क्वारंटाइन सेंटर चल रहे हैं। ये जिला स्तर से लेकर पंचायत स्तर पर बनाए गए हैं। इन सभी में संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारियों द्वारा सुविधा दी जा रही है और निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वरीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को कोई कमी नहीं हो इसका ख्याल रखा जा रहा है।

–आईएएनएस

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