पटना | बिहार में अब प्रवासी मजदूरों की पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग कराई जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यो की मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर ही सभी प्रवासी मजदूरों की डोर टू डोर विस्तृत स्क्रीनिंग कराए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे कोरोना से संबंधित कोई लक्षण हो तो तुरंत उसकी पहचान हो सकेगी।
उन्होंने कहा, “इसके लिए उपयुक्त टीम गठित कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, इससे सभी की सुरक्षा हो सकेगी। स्क्रीनिंग की यह प्रक्रिया लगातार जारी रखी जाए। एक अंतराल के बाद पुन: स्क्रीनिंग कराई जाए और इसका फॉलोअप भी किया जाए, जिससे कोई प्रवासी मजदूर स्क्रीनिंग से न छूटे और संक्रमण की ससमय पहचान कर कोरोना चेन को तोड़ा जा सके।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कोरोना संक्रमण की जांच एवं बचाव से संबंधित जो भी उपकरण प्राप्त हुए या शीघ्र प्राप्त होने वाले हैं, उन्हें तत्काल उपयोग करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्राप्त नए उपकरणों के माध्यम से टेस्टिंग में और तेजी लाई जा सकेगी।
जिलों एवं चिन्हित स्वास्थ्य संस्थानों में तेजी से जांच शुरू करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए प्रोटोकॉल के अनुसार तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्यस्तरीय टास्क फोर्स को अविलंब कार्य शुरू करने का निर्देश देते हुए कहा कि टास्क फोर्स वर्तमान नीतियों में यदि कोई संशोधन आवश्यक समझे तो इसके लिए शॉटटर्म पॉलिसी, मिडटर्म पॉलिसी के संबंध में तत्काल सुझाव दे।
उल्लेखनीय है कि प्रवासी मजदूरों के राज्य में आने के पहले राज्य में डोर टू डोर स्क्रीनिंग कराई गई थी।
–आईएएनएस
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