बिहार में इस वर्ष आई बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए मदद देने वालों का सिलसिला जारी है। गुजरात सरकार ने बिहार पीड़ितों की मदद के लिए गुरुवार को बिहार सरकार को पांच करोड़ रुपये का चेक सौंपा। इधर, विपक्षी दलों ने कोसी त्रासदी के समय गुजरात सरकार द्वारा दिए गए पांच करोड़ की मदद लौटा देने की याद दिलाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा।
गुजरात के मंत्री भूपेंद्र सिंह दोपहर पटना पहुंचे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से मिलकर बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ पांच करोड़ रुपये का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुजरात सरकार द्वारा दिए गए सहयोग को बड़े ही प्रसन्नता के साथ स्वीकार किया।
भूपेंद्र सिंह ने कहा, “आपदा के समय एक-दूसरे की मदद करना हमारी संस्कृति रही है। वर्ष 2008 में बिहार सरकार द्वारा मदद वापस किए जाने के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि समय परिवर्तनशील है।”
इधर, राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने गुजरात से आए पांच करोड़ की मदद स्वीकार किए जाने को लकर मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, “बिहार चुनाव नीतीश जी ने ‘बिहारी बनाम बाहरी’ के नाम पर लड़ा था। बाहरी गुजरातियों को कहा गया था। अब उनके आगे हाथ फैला रहे हैं? कहां है अंतरात्मा?”
तेजस्वी ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में नीतीश से प्रश्न करते हुए लिखा, “किस अंतरात्मा के कहने पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की बाढ़ सहायता राशि का पांच करोड़ रुपये का चेक नीतीश जी ने लौटा दिया था? आज जब नीतीश जी ने गुजरात सरकार का वही पांच करोड़ का चेक प्राप्त किया तो वह स्वयं को कितना लाचार, कमजोर और टूटा हुआ महसूस कर रहे होंगे? सोचिए।”
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में कोसी त्रासदी के दौरान गुजरात तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार सरकार को पांच करोड़ रुपये बाढ़ राहत कोष के लिए भेजे थे। चेक भेजने के बाद अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित किए जाने से नाराज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाद में उस चेक को गुजरात सरकार को लौटा दिया था।
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