एस.पी. चोपड़ा, नई दिल्ली। जैन संत आचार्य संजय मुनि महाराज के सानिध्य में विवेक विहार से विश्वास नगर तक एक अहिंसा शोभायात्रा निकाली गई ओर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें काफी संख्या में महिलाएं कलश के साथ शामिल हुईं। यात्रा में क्राइम अंगेस्ट यूथ नामक संस्था के कार्यकर्ता भी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश देते नजर आए। नुक्कड़ नाटक पेश कर लोगों को बेटियों को पढ़ाने के लिए जागरूक किया गया।
जनसभा को सम्बोधित करते हुए आचार्य संजय मुनि ने कहा कि बेटी हमारे जीवन और समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक बार बेटा साथ छोड़ सकता है लेकिन बेटी जीवन भर साथ निभाती है। यदि हम बेटियों को इस तरह से गर्भ में ही मारते रहेंगे तो एक दिन ऐसा आएगा जब हम अपने बेटों के लिये बहू ढूंढते रह जाएंगे।
अजीब सी बात है कि हम सब बहू तो लाना चाहते हैं लेकिन बेटी नहीं चाहते हैं। अहिंसा के मार्ग का अनुसरण करने वाले जैन समाज में भी भ्रूण हत्या की जाती है। आचार्य कहा कि बेटी बचाओ – बेटी पढा़ओ के अभियान को लेकर एवं भ्रूण हत्या एवं दहेज के खिलाफ उनकी यह अ¨हसा यात्रा दो वर्षों से देश के विभिन्न हिस्सों में चल रही है। इसका मूल उद्देश्य बेटियों को उनका अधिकार दिलवाना और लोगों को प्रेरणा देना है कि बेटियों को गर्भ में ही न मारें।
संजय मुनि ने कहा कि जब हम अपनी बहन और बेटी की शादी करते हैं तो मन में एक ही भावना रहती है कि हमारे जिगर का टुकड़ा ससुराल में सुखी और खुश रहे लेकिन जैसे ही हम बहू घर लाते हैं तो हमारी धारणा क्यों बदल जाती है। जिस दिन हम बहू को भी अपनी बेटी समझने लग जाएंगे उस दिन दहेज उत्पीड़न खत्म हो जाएगा।
यात्रा में झांकियों से भी बेटी का महत्व प्रदर्शित किया गया। इसके साथ लघु नाटिका, बैनर आदि के माध्यम से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया गया। इसमें क्राइम अगेंस्ट यूथ के संस्थापक मनीष जैन, संयोजक राकेश जैन, प्रवक्ता प्रदीप जैन और शुभम गोयल मौजूद रहे।
बेटियां जीवन भर साथ निभाती है
और भी हैं
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