नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने सोमवार को केंद्र सरकार पर प्रबंधन की कमी को लेकर निशाना साधा। वाड्रा ने देशभर के पेट्रोल पंपों द्वारा रविवार रात को क्रेडिट या डेबिट कार्डस द्वारा भुगतान स्वीकार न करने की धमकी के मद्देनजर यह कहा।
वाड्रा ने कहा कि सरकार और बैंकों के बीच समन्वय की कमी है।
वाड्रा ने फेसबुक पर लिखा, “सरकार अनियोजित और बिना विचारे की गई नोटबंदी की भूल को सुधारने के लिए हताशा के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।”
उन्होंने कहा, “पहले सरकार ने लोगों को डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स के जरिए भुगतान के लिए प्रेरित करने के लिए रियायतें दी और जब लोगों ने ज्यादा से ज्यादा नकदरहित भुगतान शुरू कर दिया तो अब बैंकों और उनकी नीतियों में समन्वय की कमी के कारण पेट्रोल पंप मालिकों को ये कठोर कदम उठाना पड़ रहा है।”
वाड्रा की यह टिप्पणी ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की कार्ड से लेनदेन पर एक प्रतिशत तक अतिरिक्त शुल्क के विरोध में सोमवार से क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान स्वीकार न करने की धमकी के बाद आया था।
उन्होंने पूछा, “0.75 प्रतिशत छूट देने और उसके बाद बैंकों द्वारा पेट्रोल पंपों पर एक प्रतिशत एमडीआर (मर्चेट डिस्काउंट रेट) लगाने का क्या औचित्य है?”
वाड्रा ने पूछा, “मुझे इसमें कुछ भी तर्कसंगत नजर नहीं आता, क्या आपको आता है?”
हालांकि, पेट्रोल पंप मालिकों के विरोध के बाद बैंकों ने एक प्रतिशत मर्चेंट डिस्काउंट रेट लगाने के फैसले को आगामी कुछ दिनों तक के लिए टाल दिया है।
इसके बाद पेट्रोल पंपों ने भी क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स से भुगतान स्वीकार न करने का फैसला 13 जनवरी तक टाल दिया है।
(आईएएनएस)
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