नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक समझौता हुआ है, जिससे दोनों देशों के बीच छात्रों और पेशेवरों की आवाजाही आसान हो सकेगी। भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर के बीच गुरुवार को नई दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक के बाद यह समझौता हुआ। ऑस्ट्रेलिया भारतीय छात्रों के लिए शिक्षा वीजा के लंबित मामलों को कम करने के लिए भी काम कर रहा है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह समझौता 21 मार्च 2022 को आयोजित दूसरे भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा दर्शायी गई प्रतिबद्धता का हिस्सा है। इसके तहत दोनों नेताओं ने योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता के लिए एक संयुक्त कार्यबल स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की थी।
ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया दोनों देशों के बीच शिक्षा के साथ-साथ कौशल के क्षेत्र में साझेदारी को व्यापक बनाने के लिए बहुत तत्पर है। उन्होंने कहा कि हस्ताक्षर किए गए समझौते से छात्रों को एक-दूसरे के देश में अध्ययन करने में आसानी होगी और शिक्षा तथा कौशल संबंधी योग्यता के विभिन्न स्तरों को मान्यता भी मिलेगी। भारत द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सराहना करते हुए, ऑस्ट्रेलियाई मंत्री ने कहा कि अपने दायरे के सन्दर्भ में यह विस्मयकारी है और नौकरियों, व्यवसायों, आर्थिक उत्पादकता तथा सभी क्षेत्रों में अवसर पैदा करने के माध्यम से यह भारत को परिवर्तित कर देगा।
उन्होंने कहा कि भारत ने 2035 तक अपने 50 प्रतिशत युवाओं को उच्च शिक्षा या कौशल शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य रखा है और ऑस्ट्रेलिया को इस कार्यक्रम में भारत के साथ भागीदारी करने का सौभाग्य प्राप्त होगा।
ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय अपने भारतीय समकक्षों के साथ संयुक्त, दोहरी डिग्री या संस्थानों की प्रतिरूप व्यवस्था के माध्यम से काम करने के लिए उत्साहित हैं, जिनके लिए हाल ही में एनईपी2020 के तहत सुविधा प्रदान की गई है। ऑस्ट्रेलियाई मंत्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया शिक्षा क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा देकर दोनों देशों के बीच संबंधों की प्रगाढ़ता और गंभीरता को आगे ले जाना चाहता है।
क्लेयर ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार, भारत के लिए महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र में कौशल कार्यक्रम के संचालन के लिए 1.89 मिलियन डॉलर का योगदान देगी। उन्होंने आगे बताया कि ऑस्ट्रेलिया भारतीय छात्रों के लिए शिक्षा वीजा के लंबित मामलों को कम करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर काम कर रहा है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत ज्ञान के स्तंभ को द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख पहलू बनाने के मुद्दे पर एकमत हैं। प्रधान ने सितंबर में होने वाली 7वीं ऑस्ट्रेलिया भारत शिक्षा एवं कौशल परिषद (एआईईएससी) की बैठक और इस साल जून में जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए भी ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री को आमंत्रित किया।
शिक्षा मंत्री के मुताबिक आज के घटनाक्रम शिक्षा और रोजगार के उद्देश्य से छात्रों और पेशेवरों की दोतरफा आवाजाही के लिए अधिक अवसर पैदा करेंगे। भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंधों की साझा आकांक्षाओं को साकार करने के लिए शिक्षा को सबसे बड़ा सक्षम बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
–आईएएनएस
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