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भारत को देखो कितना गंदा है वहां की हवा कितनी गंदी है: ट्रंप

भारत को देखो, कितना गंदा है, वहां की हवा कितनी गंदी है: ट्रंप

अरुल लुईस  

न्यूयॉर्क| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पर्यावरण और पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर चर्चा करते हुए अपने डेमोक्रेटिक चैलेंजर जो बाइडन के साथ राष्ट्रपति की आखिरी बहस के दौरान भारत और वहां की हवा को ‘गंदा’ बताया।

ट्रंप ने गुरुवार रात को टेनेसी के नैशविले में चीन और रूस के साथ तुलना करते हुए कहा, “भारत को देखो कितना गंदा है, वहां की हवा कितनी गंदी है।”

उन्होंने भारत और अन्य दो देशों के बारे में बोलने से पहले कहा, “हमारे पास कार्बन उत्सर्जन की सबसे अच्छी संख्या है, जो हमने इस प्रशासन के तहत 35 सालों में प्राप्त किया है, हम उद्योग के साथ बहुत अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।”

राष्ट्रपति पद के लिए बहस के दौरान भारत का एकमात्र उल्लेख यही था, जबकि इसे विदेश नीति और रणनीतिक हितों जैसे विषयों से दूर रखा गया।

वहीं ट्रंप ने उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम की ओर इशारा करते हुए कहा कि देश ने उनके कार्यकाल में कोई भी परमाणु परीक्षण नहीं किया, जबकि इसके विपरीत बाइडन उपराष्ट्रपति थे, तो उत्तर कोरिया ने कई परीक्षण किए थे।

उन्होंने कहा कि उन्होंने प्योंगयांग के साथ संभावी युद्ध को रोक दिया, जिसके पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के दौरान होने की उम्मीद थी।

ट्रंप ने जोर देकर कहा कि वह चीन को कोविड-19 महामारी फैलाने के लिए भुगतान करने पर मजबूर करेंगे और वह पहले ही व्यापारिक समस्याओं के लिए भुगतान कर रहा है और अमेरिकी किसानों को 2000 करोड़ डॉलर भेज रहा था, जिस पर बाइडन ने विवाद खड़ा किया।

उन्होंने कहा कि बाइडन महामारी फैलाने को लेकर चीन के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं, वहीं उन्होंने आगे कहा कि वह अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार कार्य करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उसे दंड मिले।

वहीं बाइडन के बेटे हंटर द्वारा चीन और रूस से कथित तौर पर यूक्रेन के साथ-साथ अन्य स्रोतों से धन प्राप्त करने की सूचना सामने आ रही है।

हालांकि बाइडन ने इस बात से इनकार किया कि उनके परिवार को उन स्रोतों से कोई पैसा मिला।

ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अमेरिका को पेरिस समझौते से बाहर इसलिए किया, क्योंकि यह अमेरिका के साथ अन्याय था और समझौते के अनुसार दायित्व को पूरा करने के लिए अमेरिका को खरबों डॉलर खर्च करने होते।

ट्रंप ने कहा, “चीन 2030 तक किक नहीं करने वाला है, रूस कम मानक पर पीछे हट चुका है और हमने इसे सही तरीके से किक मारा है।”

ट्रंप ने आगे कहा, “वे हमारे व्यवसायों को हड़पने जा रहे थे, मैं पेरिस समझौते के कारण हजारों नौकरियों, और कई हजारों कंपनियों का बलिदान नहीं करूंगा।”

राष्ट्रपति ने कहा, “हमने पर्यावरण की ²ष्टि से असाधारण काम किया है. सबसे साफ हवा सबसे स्वच्छ पानी, और सबसे अच्छा कार्बन उत्सर्जन मानक जो हमने सालों में देखा है।”

–आईएएनएस

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