✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

भारत-गुयाना के बीच गर्मजोशी भरे रिश्ते, ‘डेमोक्रेसी फर्स्ट, ह्यूमैनिटी फर्स्ट’ वैश्विक समस्याओं का समाधान : पीएम मोदी

जॉर्जटाउन, 21 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यहां गुयाना की संसद के एक विशेष सत्र को संबोधित किया। उन्होंने इस सम्मान के लिए गुयाना के लोगों का आभार जताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच गर्मजोशी और स्नेह से भरे संबंध रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, “कल ही गुयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया। इस सम्मान के लिए मैं गुयाना के प्रत्येक नागरिक को दिल से धन्यवाद देता हूं। मैं यह सम्मान भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं। भारत और गुयाना के बीच रिश्ता बहुत गहरा है। यह मिट्टी, पसीने और मेहनत का रिश्ता है। लगभग 180 साल पहले गुयाना की धरती पर पहले भारतीय ने कदम रखा था। ऐसे में तब से लेकर अब तक सभी परिस्थितियों में भारत और गुयाना के बीच संबंध गर्मजोशी और स्नेह से भरे रहे हैं।” पीएम मोदी ने बताया कि प्रधानमंत्री बनने से पहले आज से 24 साल पूर्व भी “एक जिज्ञासु के रूप में” वह इस खूबसूरत देश की यात्रा कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि वह गुयाना की विरासत के बारे में जानना चाहते थे, इसके इतिहास को समझना चाहते थे। उन्होंने कहा, “गुयाना में आज भी ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें मेरे साथ हुई मुलाकातें याद हैं। उस समय की मेरी यात्रा कई यादों से भरी हुई है।” प्रधानमंत्री ने कैरेबियाई देश की संसद को संबोधित करते हुए समृद्ध लोकतांत्रिक परंपरा पर बल दिया। उन्होंने कहा, “आज विश्व के सामने आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है ‘डेमोक्रेसी फर्स्ट, ह्यूमैनिटी फर्स्ट’। डेमोक्रेसी फर्स्ट की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो, सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। ह्यूमैनिटी फर्स्ट की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है। जब ह्यूमैनिटी फर्स्ट को निर्णयों का आधार बनाते हैं तो नतीजे भी मानवता के हित करने वाले ही होते हैं।” पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम अपनी जिम्मेदारी मानकर वहां पहुंचे। उन्होंने कहा, “दुनिया के लिए यह समय टकराव का नहीं, टकराव पैदा करने वाली परिस्थितियों को पहचान कर उनको दूर करने का है। हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम संसाधन पर कब्जे की और उसे हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। आज भारत हर तरह से वैश्विक विकास और शांति के पक्ष में खड़ा है।

इसी भावना के साथ आज भारत ‘ग्लोबल साउथ’ की भी आवाज बना है।” दोनों देशों की ऐतिहासिक समानता की जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान गुयाना और भारत में कई लोगों ने अपना जीवन समर्पित किया। गुयाना में लोकतंत्र को मजबूत करना हर कदम पर दुनिया के विकास में योगदान दे रहा है। लोकतंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ हमें वैश्विक स्थितियों पर भी लगातार नजर रखनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि जब ​​भारत और गुयाना को आजादी मिली तो दुनिया को अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ा। आज 21वीं सदी की चुनौतियां बिल्कुल अलग हैं। उन्होंने कहा, “द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित प्रणालियां और संगठन चरमरा रहे हैं। आज हम आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और साइबर अपराध सहित कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए हमें इन मुद्दों का डटकर सामना करना होगा। इसे केवल ‘डेमोक्रेसी फर्स्ट, ह्यूमैनिटी फर्स्ट’ को प्राथमिकता देकर ही हासिल किया जा सकता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्य विकास के पथ पर चलते हुए हर उत्थान और पतन में हमारा सहारा बनते हैं। एक समावेशी समाज के निर्माण में लोकतंत्र से बड़ा कोई साधन नहीं है। लोकतंत्र उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और उज्ज्वल भविष्य की गारंटी देता है। हमने दिखाया है कि लोकतंत्र हमारे डीएनए और आचरण में है। –

-आईएएनएस

About Author